"परिभाषा": अवतरणों में अंतर

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==परिभाषा के दोष==
===व्याप्ति दोष===
* '''अव्याप्ति''' - यह किसी [[लक्षण]] या [[परिभाषा]] का दोष है जिसके रहने पर वह लक्षण या [[परिभाषा]] जितने पर लागु होनी चाहिए वह उनसे कम पर लागू होती है। अर्थात ऐसी परिभाषा जिसकी व्याप्ति में अल्पता हो। उदाहरण के लिए पुस्तक की यह परिभाषा कि [[सजिल्द]] गुटके के आकार की पढ़ी जाने वाली वस्तु पुस्तक है। क्योंकि पुस्तकें जिल्द रहित भी हो सकती हैं।
* '''अतिव्याप्ति''' - यह किसी [[लक्षण]] या [[परिभाषा]] का दोष है जिसके रहने पर वह लक्षण या परिभाषा जितने पर लागु होनी चाहिए वह उनसे अधिक पर लागू होती है। अर्थात ऐसी परिभाषा जिसकी व्याप्ति में अति हो। उदाहरण के लिए पुस्तक की यह परिभाषा कि जिसे [[पढ़ा]] जाय वह पुस्तक है। क्योंकि पढ़ा तो किसी अख़बार को भी जाता है लेकिन अख़बार तो पुस्तक नही होता है।
निष्कर्ष यह है कि परिभाषा ऐसी होनी चाहिए जो अव्याप्ति और अतिव्याप्ति दोषों से मुक्त हो। अर्थात, संदर्भित विषय या वस्तु के वाच्यार्थ का ऐसा लक्षण बतला सके जो प्रत्येक प्रसंग के लिये तो उपयुक्त हो किन्तु, उस विषय या वस्तु के सिवाय किसी अन्य वस्तु के लिये उपयुक्त न हो।
 
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== सन्दर्भ ==
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