"दुर्गा": अवतरणों में अंतर

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देवी दुर्गा का निरूपण [[सिंह]] पर सवार एक निर्भय स्त्री के रूप में की जाती है। दुर्गा देवी आठ भुजाओं से युक्त हैं जिन सभी में कोई न कोई शस्त्रास्त्र होते है। उन्होने [[महिषासुर]] नामक असुर का वध किया। महिषासुर (= महिष + असुर = भैंसा जैसा असुर) करतीं हैं। हिन्दू ग्रन्थों में वे [[शिव]] (भगवान शंकर/महेश नही) की पत्नी [[दुर्गा]] के रूप में वर्णित हैं। जिन ज्योतिर्लिंगों मैं देवी दुर्गा की स्थापना रहती है उनको सिद्धपीठ कहते है। वँहा किये गए सभी संकल्प एव इच्छाये पूर्ण होते है।
 
हिन्दुओं के [[शाक्त]] (पांच सम्प्रदायों मे से एक) साम्प्रदाय में भगवती दुर्गा को ही दुनिया की पराशक्ति और सर्वोच्च देवी माना जाता है (शाक्त साम्प्रदाय [[ईश्वर]] को देवी के रूप में मानता है)। [[वेद|वेदों]] में तो दुर्गा का व्यापाक उल्लेख मिलता है, किन्तु [[उपनिषद]] में देवी "उमा हैमवती" (उमा, हिमालय की पुत्री) का वर्णन है। [[पुराण]] में दुर्गा को आदिशक्ति (प्रथम शक्ति)माना गया है। दुर्गा असल में [[शिव]] की पत्नी [[आदिशक्ति]] का एक रूप हैं, शिव की उस पराशक्ति को प्रधान प्रकृति, गुणवती माया, बुद्धितत्व की जननी तथा विकाररहित बताया गया है। एकांकी (केंद्रित) होने पर भी वह माया शक्ति संयोगवश अनेक हो जाती है। उस आदि शक्ति देवी ने ही सावित्री(ब्रह्मा जी की पहली पत्नी), लक्ष्मी, और पार्वती(सती) के रूप में जन्म लिया और उसने ब्रह्मा, विष्णु और महेश से विवाह किया था। तीन रूप होकर भी दुर्गा (आदि शक्ति) एक ही है।
 
देवी दुर्गा के स्वयं कई रूप (नवदुर्गा) हैं (सावित्री, लक्ष्मी एव पार्वती से अलग)। मुख्य रूप उनका "गौरी" (देवी दुर्गा के नों रूपो मैं से आठवा) है, अर्थात शान्तमय, सुन्दर और गोरा रूप। उनका सबसे भयानक रूप [[काली]] है, अर्थात काला रूप। विभिन्न रूपों में दुर्गा [[भारत]] और [[नेपाल]] के कई मन्दिरों और तीर्थस्थानों में पूजी जाती हैं। कुछ दुर्गा मन्दिरों में पशुबलि भी चढ़ती है। भगवती दुर्गा की सवारी शेर है।