"केरल की रंग कलाएँ": अवतरणों में अंतर

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केरलीय रंग कलाओं को धार्मिक, विनोदपरक, सामाजिक, कायिक आदि भागों में विभक्त कर सकते हैं। धार्मिक कलाओं में मंदिर कलाएँ और अनुष्ठान कलाएँ आती हैं। मंदिर कलाओं की लंबी सूची है। जैसे - कूत्तु, कूडियाट्टम्, कथकळि, तुळ्ळल, तिटम्बु नृत्तम्, अय्यप्पन[[अय्यप्प]] कूत्तु, अर्जुन नृत्तम्, आण्डियाट्टम्, पाठकम्, कृष्णनाट्टम्, कावडियाट्टम आदि। इसके अंतर्गत मोहिनियाट्टम जैसा लास्य नृत्य भी आता है। अनुष्ठान कलाएँ भी अनेक हैं। जैसे - तैय्यम, तिरा, पूरक्कळि, तीयाट्टु, मुडियेट्टु, काळियूट्टु, परणेट्टु, तूक्कम्, पडयणि (पडेनि), कलम पाट्ट, केन्द्रोन पाट्ट, गंधर्वन तुळ्ळल, बलिक्कला, सर्पप्पाट्टु, मलयन केट्टु आदि। अनुष्ठान कलाओं के साथ अनुष्ठान कला साहित्य का भी स्थान है।
 
== सामाजिक कलाएं ==