"अमरकोश": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
No edit summary टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
Reverted to revision 3407779 by NehalDaveND (talk). (TW) |
||
पंक्ति 1:
'''अमरकोश''' [[संस्कृत]] के [[संस्कृत शब्दकोश|कोशों]] में अति लोकप्रिय और प्रसिद्ध है। इसे विश्व का पहला [[समान्तर
इस कोश में प्राय: दस हजार नाम हैं, जहाँ [[मेदिनीकोश|मेदिनी]] में केवल साढ़े चार हजार और [[हलायुध]] में आठ हजार हैं। इसी कारण पंडितों ने इसका आदर किया और इसकी लोकप्रियता बढ़ती गई।
पंक्ति 43:
इसी सिद्धान्त का पालन करते हुए भानुजि दीक्षित् ने अमरकोष में परिगणित शब्दों का निर्वचन किया है। वे भी सभी शब्दों को धातुज मानते हुए उनका निर्वचन करते हैं।
== अमरकोश के कुछ श्लोक
'''पीठिकाश्लोकाः'''
::: यस्य ज्ञानदयासिन्धोरगाधस्यानघा गुणाः।
|