"नन्नय्य भट्ट": अवतरणों में अंतर
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आजतक जितने आंध्र कवि हुए उन सबने नन्नय्य को आदिकवि मानकर उनकी प्रशंसा की। कहते हैं, नन्नय्य के रचित अन्य ग्रंथ 'इंद्रसेनविजय' तथा 'चामुंडिका विलास' हैं किंतु इन ग्रंथों के कर्तृत्व के विषय में मतभेद है। महाकवि नन्नय्य महाभारत का आंध्रीकरण पूरा न कर सके। कविपोषक राजा का देहांत हो गया। राजा का पुत्र कुलौत्तुंगचोड़ अपने मामा के पास दक्षिण चला गया। उधर [[वीरशैव]] धर्म भी अपना सिर उठाने लगा जो वेदों की प्रामाणिकता को नहीं मानता। दूसरी ओर वीरशैव के प्रतिकूल वैष्णवधर्म की श्रीवृद्धि होने लगी। इन्हीं के बीच वैदिक धर्म पर जनता की श्रद्धा कम होने लगी। और इस प्रकार आंध्र महाभारत की रचना में विघ्न उत्पन्न हुए। कदाचित् नन्नय्य का जीवन सत्र भी कट गया हो।
== सन्दर्भ ==
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==इन्हें भी देखें==
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