"वियोगी हरि": अवतरणों में अंतर

No edit summary
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल एप सम्पादन
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल एप सम्पादन
पंक्ति 7:
वियोगी हरि ने लगभग 40 पुस्तकें रची हैं। इनके मुख्य रचनाएँ हैं-
 
'भावना, 'प्रार्थना, 'प्रेम-शतक, आधुनिक युग, साहित्य विहार, वीर सतसई, प्रेम पथिक, वीणा, प्रेमांजलि, प्रेमशतक, तरंगिणी, अन्तर्नाद, पगली, प्रार्थना, छद्मयोगिनी, वीर हरदौल, मेरा जीवन प्रवाह, मंदिर प्रवेश, मेवाड़ केसरी, बुद्ध वाणी, विश्वधर्म।विश्वधर्म, कबीर की साखियाँ।
 
== भाषा एवं शैली ==