"ज्ञान": अवतरणों में अंतर

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'''निरपेक्ष सत्य की स्वानुभूति ही ज्ञान है |यह प्रिय अप्रिय सुख-दू:ख इत्यादि भावों से निरपेक्ष होता है | इसका विभाजन विषयों के आधार पर होता है , विषय पाञ्च होते है - रूप ,रस,गंध ,शब्द और स्पर्श| ज्ञान''' लोगों के भौतिक तथा बौद्धिक सामाजिक क्रियाकलाप की उपज ; संकेतों के रूप में जगत के वस्तुनिष्ठ गुणों और संबंधों, प्राकृतिक और मानवीय तत्त्वों के बारे में विचारों की अभिव्यक्ति है। ज्ञान दैनंदिन तथा वैज्ञानिक हो सकता है। वैज्ञानिक ज्ञान आनुभविक और सैद्धांतिक वर्गों में विभक्त होता है। इसके अलावा समाज में ज्ञान की मिथकीय, कलात्मक, धार्मिक तथा अन्य कई अनुभूतियाँ होती हैं। सिद्धांततः सामाजिक-ऐतिहासिक अवस्थाओं पर मनुष्य के क्रियाकलाप की निर्भरता को प्रकट किये बिना ज्ञान के सार को नहीं समझा जा सकता है। ज्ञान में मनुष्य की सामाजिक शक्ति संचित होती है, निश्चित रूप धारण करती है तथा विषयीकृत होती है। यह तथ्य मनुष्य के बौद्धिक कार्यकलाप की प्रमुखता और आत्मनिर्भर स्वरूप के बारे में आत्मगत-प्रत्ययवादी सिद्धांतों का आधार है।<ref>दर्शनकोश, प्रगति प्रकाशन, मास्को, १९८0, पृष्ठ-२२६, ISBN: ५-0१000९0७-२</ref>
 
== इन्हें भी देखें ==
"https://hi.wikipedia.org/wiki/ज्ञान" से प्राप्त