"समूह (गणितशास्त्र)": अवतरणों में अंतर

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|source={{harvs|txt=yes|authorlink=Richard Borcherds|first=Richard|last=Borcherds|year=2009|loc=Mathematicians, quoted in [[James Milne (mathematician)|Milne]], group theory [http://www.jmilne.org/math/CourseNotes/gt.html]}}}}-->
 
एक समूह में एक [[समुच्चय सिद्धान्त|समुच्चय]] ''G'' और साथ में एक [[द्विचर संक्रिया]] • , जो कि किसी भी दो अवयवों ''a'' और ''b'' को जोड़कर जोड़कर ''a'' • ''b'' (या फिर ''ab'') से दर्शाये जाने वाला एक अवयव बनाता है, होता है। एक समूह कहलाए जाने के लिए , दीये गए समुच्य ''G'' एवं संक्रिया • को निम्नलिखत आवश्यकताओं की पूर्ती करनी होगी। इन आवश्यकताओं को समूह के अभिगृहीत कहा जाता है।
यदि [[समुच्चय सिद्धान्त|समुच्चय]] में एक [[द्विचर संक्रिया]] * इस तरह से परिभाषित हो :
;संवरक: ''G'' में होने वाले किसी भी अवयव ''a'' और ''b'' के लिए ''a'' • ''b'' भी ''G'' का एक अवयव है। {{cref|a}}
;बंद: ∀ a, b ∈ G ⇒ a*b ∈ G
;साहचर्य :''G'' में होने वाले किसी भी अवयव ''a'', ''b,'' और ''c'' के G ⇒लिए ''a*'' • ( ''b*'' • ''c'' ) = ( ''a*'' • ''b'' )* • ''c''।
;इकाई अवयव : ''∃ e ∈ G'', s.t. ''∀ a ∈ G => a*ea•e = a = e*ae•a ''.
;व्युत्क्रम अवयव : प्रत्येक a ∈ G के लिए ''b ∈ G s.t.t। a*ba•b = b*ab•a = e''.
तो इसे एक समूह कहा जाता है तथा इसे (G, *) से निरुपित किया जाता है।
 
एक समूह का क्रमविनिमय होना आवश्यक नहीं है। अथवा यदि a, b ∈ G तो हो सकता है a*ba•bb*ab•a
 
=== उदाहरण ===