"अफ़्रीका": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Africa Koppen Map.png|thumb|200px|अफ्रीका का [[कोप्पेन मौसम वर्गीकरण|कोप्पेन मानचित्र]]]]
[[भूमध्य रेखा]] अफ़्रीका [[महाद्वीप]] के लगभग मध्य से होकर गुजरती है। इसके उत्तर में [[कर्क रेखा]] तथा दक्षिण में [[मकर रेखा]] हैं। इस प्रकार अफ़्रीका महाद्वीप का अधिकांश भाग [[उष्ण कटिबन्ध]] में पड़ता है। उत्तर एवं दक्षिण के बहुत कम भाग [[समशीतोष्ण कटिबन्ध]] में पड़ते हैं। अतः यहाँ वर्ष भर ऊँचा तापक्रम रहता है। अफ़्रीका में ऊँचे पठार एवं पर्वतीय भागों में साधारण तापक्रम रहता है। अफ़्रीका एक विशाल महाद्वीप है अतः इस महाद्वीप के मध्यवर्ती भाग में जलवायु कुछ विषम है। अफ़्रीका महाद्वीप का अधिकांश भाग पूर्वी या व्यापारिक हवाओं के प्रभाव में रहता है जिनसे महाद्वीप के पूर्वी भाग में तो वर्षा होती है परन्तु पश्चिमी भाग में आते आते ये हवाएँ शुष्क हो जाती हैं और उनसे वहाँ वर्षा नहीं होती। अफ़्रीका महाद्वीप के पश्चिमी तट पर उत्तर में [[कैनेरी की शीतल धारा]] तथा दक्षिण में [[बेंगुला की शीतल धारा]] बहती है जिनके प्रभाव से अफ़्रीका के पश्चिमी भागों का तापक्रम कम रहता है। इन धाराओं के ऊपर बहने वाली पवनें अधिक नमी नहीं ग्रहण कर पातीं तथा वहाँ वर्षा नहीं होने से [[मरुस्थल]] मिलते हैं। इसके विपरीत पूर्वी तट पर उत्तर में [[मानसून]] की उष्ण धारा तथा दक्षिण में [[मोजम्बिक की उष्ण धारा]] के कारण पूर्वी भाग की जलवायु अपेक्षाकृत गर्म एवं नम होती है।<ref>{{cite book |last=तिवारी |first=अर्चना |title= भूगोल परिचय |year=जुलाई २००४2004 |publisher=भारती सदन |location=कोलकाता |id= |page=३२32-५७57 |accessday= १९19|accessmonth= जुलाई|accessyear= २००९2009}}</ref>
 
भूमध्य रेखा के समीप उसके दोनों ओर ५<sup>०</sup> उत्तरी एवं ५<sup>०</sup> दक्षिणी [[अक्षांश|अक्षांशों]] के मध्य मुख्यतः [[कांगो नदी]] (ज़ायर) के बेसिन एवं गिनी तट में [[भूमध्यरेखीय जलवायु]] पाई जाती है। भूमध्य रेखा की समीपता के कारण यहाँ वर्ष भर गर्म व नम जलवायु पाई जाती है। वर्ष भर प्रतिदिन दिन के तीसरे पहर बादलों की गरज एवं बिजली की चमक के साथ मूसलाधार संवहनीय वर्षा होती है। इसे चार बजे वाली वर्षा भी कहते हैं। वार्षिक वर्षा का औसत २००200 से २५०250 सेंटीमीटर है। [[सवाना]] या [[सूडान|सूडान तुल्य जलवायु]] प्रदेश भूमध्यरेखीय प्रदेश के दोनों ओर उष्ण मरुस्थलीय प्रदेशों के बीच ५<sup>०</sup> से ३<sup>०</sup> अक्षांशों के बीच महाद्वीप के मध्य एवं पश्चिमी भाग में पाई जाती है। इस भाग में गर्मी की ऋतु लम्बी एवं नम होती है परन्तु जाड़े में साधारण ठंड पड़ती है। वर्षा केवल [[ग्रीष्म ऋतु]] में होती है। वर्षा साधारण (लगभग ७५75 सेंटीमीटर) ही होती है। जाड़े की ऋतु शुष्क होती है। अफ़्रीका के उत्तर एवं दक्षिण दोनों ओर विस्तृत [[उष्ण मरुस्थलीय जलवायु]] प्रदेश पाए जाते हैं। यहाँ वर्ष भर वर्षा होती ही नहीं है। यदि कभी होती भी है तो नाम मात्र की ही होती है। उत्तरी मरुस्थल का नाम [[सहारा मरुस्थल]] है जो संसार का सबसे बड़ा [[मरुस्थल]] है। दक्षिण के मरुस्थल का नाम [[कालाहारी]] है। गर्मी में कड़ाके की गर्मी पड़ती है परन्तु जाड़े में साधारण ठंड पड़ती है। विश्व के सबसे ऊँचे तापक्रम इन्हीं मरुस्थलों में अंकित किये गए हैं। वार्षिक एवं दैनिक तापान्तर अधिक होते हैं। वार्षिक वर्षा का औसत २५25 सेंटीमीटर या उससे भी कम है। मध्य अफ़्रीका के पूर्वी भाग में [[मानसून जलवायु]] पाई जाती है जहाँ केवल गर्मी में वर्षा होती है और जाड़े की ऋतु शुष्क होती है। यहाँ गर्मी में अधिक गर्मी तथा जाड़े में साधारण जाड़ा पड़ता है। अफ़्रीका के उत्तर एवं दक्षिणी-पश्चिमी तटीय भागों में [[भूमध्यसागरीय जलवायु]] पाई जाती है। इस जलवायु की सबसे मुख्य विशेषता यह है कि यहाँ पछुआ हवाओं से केवल जाड़े में वर्षा होती है और गर्मी की ऋतु शुष्क रहती है। इस प्रदेश में न तो गर्मी में अधिक गर्मी पड़ती है और न तो जाड़े में अधिक जाड़ा हीं। वर्ष भर-मुख्यतः गर्मी में चमकीली धूप मिलती है। दक्षिण अफ़्रीका के पठारी भाग में [[उष्ण शीतोष्ण महाद्वीपीय जलवायु]] पाई जाती है। समुद्र से दूर होने से यहाँ की जलवायु विषम तथा अत्यन्त शुष्क है। अफ़्रीका के दक्षिणी एवं पूर्वी उच्च भागों में अधिक ऊँचाई के कारण [[पर्वतीय जलवायु]] पाई जाती है। यहाँ तापक्रम काफी कम रहता है तथा वर्षा अत्यन्त कम होती है।
 
== प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य जीव ==