"कार्ल लीनियस": अवतरणों में अंतर

छो बॉट: अनुभाग एकरूपता।
पंक्ति 24:
}}
'''कार्ल लीनियस''' ([[लैटिन]]: ''Carolus Linnaeus'') या कार्ल वॉन लिने ([[२३ मई]] [[१७०७]] - [[१० जनवरी]] [[१७७८]]) एक [[स्वीडन|स्वीडिश]] [[वनस्पति विज्ञान|वनस्पतिशास्त्री]], [[चिकित्सक]] और [[जीव विज्ञान|जीव विज्ञानी]] थे, जिन्होने [[द्विपद नामकरण]] की आधुनिक अवधारणा की नींव रखी थी। इन्हें आधुनिक [[वर्गिकी]] (वर्गीकरण) के पिता के रूप में जाना जाता है साथ ही यह आधुनिक पारिस्थितिकी के प्रणेताओं मे से भी एक हैं।
 
==आरम्भिक जीवन==
 
लीनियस का जन्म दक्षिण [[स्वीडन]] के ग्रामीण इलाके स्मालैंड में हुआ था। उनके पिता उनके पूर्वजों में पहले व्यक्ति थे जिन्होने एक स्थायी अंतिम नाम को अपनाया था, उसके पहले इनके पूर्वज स्कैंडिनेवियाई देशों मे प्रचलित पितृनाम प्रणाली का इस्तेमाल किया करते थे। उनके पिता ने इनके पारिवारिक फार्म पर लगे एक एक विशाल ‘लिंडेन’ पेड़ के लैटिन नाम पर आधारित अपना अंतिम नाम लीनियस अपनाया था। १७१७ में इन्होंने वैक्स्जो शहर से अपनी आरंभिक शिक्षा ली और १७२४ में जिम्नेज़ियम साधारण अंकों से उत्तीर्ण किया। उनके [[वनस्पति विज्ञान]] में उत्साह ने एक स्थानीय चिकित्सक को आकर्षित किया, जिसे लगा, कि इस बालक में उक्त विषय की प्रतिभा है। उनकी सिफारिश पर कार्ल के पिता ने उन्हें निकटनम विश्वविद्यालय, [[लुंड विश्वविद्यालय]] भेजा। कार्ल ने वहां अध्ययन के साथ ही वहां के उपेक्षित जीवविज्ञान उद्यान को भी सुधारा। तब उन्हें [[उपसाला विश्वविद्यालय]] जाने की प्रेरणा मिली। कार्ल ने एक ही वर्ष बाद [[उपसाला]] के लिए प्रस्थान किया।<ref name="autogenerated4">[[:en:Encyclopædia Britannica Eleventh Edition|ब्रिटैनिका विश्वकोश, ग्यारहवां संस्करण]], लेख लिनियस. सीधी कड़ी:[http://encyclopedia.jrank.org/LEO_LOB/LINNAEUS.html के लिए देखें], अभिगमन [[१ सितंबर]].</ref>
 
==प्रसिद्धि==
[[चित्र:Systema Naturae cover.jpg|thumb|left|100px|<small>इनकी पुस्तक '''[[:en:Systema Naturae|सिस्टेमा नेचुरी]]''' का पहला संस्करण [[नीदरलैंड]] में प्रकाशित हुआ।</small>]]
 
[[उपसाला]] में इनका समय आर्थिक तंगी में गुजरा, जब तक ये एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक ओलोफ सेल्सियस से नहीं मिले। ओलोफ खगोलज्ञ [[ऐन्डर्स सेल्सियस]] का भतीजा था। ऐन्डर्स सेल्सियस वही थे, जिहोंने [[थर्मामीटर]] का आविष्कार किया था और तापमान स्केल को उन्हिं का नाम दिया गया था। सेल्सियस कार्ल के ज्ञान एवं वनस्पति संग्रह से पहुत प्रभावित हुए, तथा उन्हें आवास तथा खाने की सुविधा का प्रस्ताव दिया। अब कार्ल के दिन सुधरे।<ref name="autogenerated4" /> लीनियस ने [[उप्साला विश्वविद्यालय]] से अपनी उच्च शिक्षा ग्रहण की थी और १७३० में वो वहाँ पर [[वनस्पति विज्ञान]] के व्याख्यान देने लगे थे। उन्होंने १७३५-१७३८ के बीच विदेश प्रवास किया जहाँ उन्होने आगे की पढ़ाई जारी रखी साथ ही इनकी पुस्तक '''[[:en:Systema Naturae|सिस्टेमा नेचुरी]]''' का पहला संस्करण [[१७३५]] में [[नीदरलैंड]] में प्रकाशित हुआ। यह पुस्तक प्रथम संस्करण में मात्र ग्यारह पृष्ठों की थी। इसमें दशम संस्करण (१७५८) तक पहुंचते हुए ४४०० से अधिक जंतुओं की प्रजातियों एवं ७७०० से अधिक पादपों की प्रजातियों का वर्गीकरण किया गया था।
 
[[चित्र:Systema Naturae cover.jpg|thumb|left|100px|<small>इनकी पुस्तक '''[[:en:Systema Naturae|सिस्टेमा नेचुरी]]''' का पहला संस्करण [[नीदरलैंड]] में प्रकाशित हुआ।</small>]]
[[चित्र:100 kronor swedish.jpg|thumb|left|150px|[[स्वीडन]] सरकार ने एक १० [[क्रोनर]] का नोट जिसपर लिनियस का चित्र है।]]
उसके बाद यह वापस स्वीडन चले आये और उप्साला विश्वविद्यालय में वनस्पति विज्ञान के प्रोफेसर बन गये। १७४० के दशक मे इन्हें स्वीडन द्वारा जीवों और पादपों की खोज और वर्गीकरण के लिए कई यात्राओं पर भेजा गया। १७५० और १७६० के दशकों में, उन्होने अपना जीवों और पादपों और खनिजों की खोज और वर्गीकरण का काम जारी रखा और इस संबंध मे कई पुस्तके भी प्रकाशित कीं। अपनी मृत्यु के समय लीनियस [[यूरोप]] के सबसे प्रशंसित वैज्ञानिकों मे से एक थे।

==सम्मान==

इनके मरणोपरांत [[स्वीडन]] सरकार ने एक १० [[क्रोनर]] का नोट निकाला, जिस पर लिनियस का एक रेखाचित्र अंकित था<ref>[http://www-personal.umich.edu/~jbourj/money5.htm कार्ल लीनियस, १०० क्रोनर के स्वीडिश बैंक नोट पर]</ref>, जिसके पृष्ठभूमि में [[उप्साला विश्वविद्यालय]] का दृश्य था।<ref>अंग्रेज़ी विकि के [[:en:Swedish krona#Banknotes। स्वीडिश क्रोनर]] लेख में देखें, १०० क्रोनर के नोट पर लिनियस का चित्र।</ref>
 
<br />
 
== सन्दर्भ ==
{{reflist}}