"भाप टरबाइन": अवतरणों में अंतर

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*(8) आवरण (casing), जिसके ऊपर स्थिर फलकों की पंक्तियाँ बँधी रहती हैं। गतिमान फलकों सहित परिभ्रमक को यह ढके रहता है, जिसस भाप बीच में ही बाहर न निकल जाय।
 
=== टरबाइन फलक ===
[[चित्र:TurbineBlades.jpg|right|thumb|300px|आवेग टरबाइन के फलक]]
भाप टरबाइन में सबसे मुख्य इसके फलक हैं। इस यंत्र के अन्य पुर्जे इन्हीं फलकों के उपयोग के लिए रहते हैं। बिना फलक के शक्ति प्राप्त नहीं हो सकती एवं फलकों में जरा सा भी दोष रहने से टरबाइन की दक्षता में कमी आ जाती है। इसके निर्माण के लिए ऐसे द्रव्यों की आवश्यकता होती है जो उच्चताप के साथ ही उच्च प्रतिबल का भी सामना कर सकें। आधुनिक उच्च ताप और उच्च प्रतिबल वाले टरबाइनों के फलकों के लिये अलौह वर्ग के द्रव्यों का व्यवहार नहीं किया जा सकता, क्योंकि ताप के साथ इनकी तनाव क्षमता में भी कमी आ जाती है। आजकल इसके लिये [[अविकारी इस्पात]] के विकास की ओर वैज्ञानिकों का ध्यान केंद्रित है। आदर्श फलक वही है जो उच्चतम दक्षता का होते हुए एक समान प्रतिबलित (stressed) हो। इस तरह की अवस्था खोखले फलकों द्वारा प्राप्त की जा सकती है। इसके सिवाय खोखले फलक परिभ्रमक पर तीव्र प्रतिबल नहीं डालते। इससे उच्च गति की प्राप्ति होती है, तथा अधिक शक्ति की प्राप्ति हो सकती है। टरबाइन में प्रवण फलकों का भी व्यवहार किया जाता है, जिससे इसके ऊपर कम प्रतिबल पड़े।