"पी॰ वी॰ अकिलानंदम": अवतरणों में अंतर

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''' पी. वी. अकिलंदम ''' (या उपनाम ''' अखिलन''') [[तमिल भाषा]] के विख्यात साहित्यकार थे। इनके द्वारा रचित एक [[उपन्यास]] ''[[वंगइन मैंधन ]]'' के लिये उन्हें सन् १९६३ में [[साहित्य अकादमी पुरस्कार]] ([[साहित्य अकादमी पुरस्कार तमिल|तमिल]]) से सम्मानित किया गया।<ref name="sahitya">{{cite web | url=http://sahitya-akademi.gov.in/sahitya-akademi/awards/akademi%20samman_suchi_h.jsp | title=अकादमी पुरस्कार | publisher=साहित्य अकादमी | accessdate=11 सितंबर 2016}}</ref> वे [[ज्ञानपीठ पुरस्कार]] विजेता भी थे।
[[ज्ञानपीठ पुरस्कार]] विजेता।
 
== सन्दर्भ ==
{{टिप्पणीसूची}}
 
{{ज्ञानपीठ पुरस्कार}}
 
[[श्रेणी:तमिल लेखक]]
[[श्रेणी:ज्ञानपीठ सम्मानित]]
[[श्रेणी:साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कृत तमिल भाषा के साहित्यकार]]
 
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