"विकिपीडिया:हिन्दी दिवस लेख प्रतियोगिता २०१७": अवतरणों में अंतर

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हिंदी दिवस 14 सितम्बर-2017- निबंध प्रतियोगिता
==लेख मार्गदर्शिका==
विषय:- स्वयं-सहायता समूह महत्त्व एवं उपयोगिता
इस प्रतियोगिता में हिन्दी विकिपीडिया का नया या पुराना कोई भी सदस्य भाग ले सकता हैं और विकिपीडिया में नए नए लेख बनाने में अपना योगदान दे सकता है। सदस्यों को लेख बनाने के लिए मार्गदर्शन हेतु कुछ बिन्दु निम्नलिखित हैं, जिसका ध्यान रखने पर अच्छे लेख का निर्माण होगा और प्रतिभागी को ज्यादा अंक प्राप्त करने में भी सहायता होगी।
भूमिका:- भारत एक कृषि प्रधान देश है और यहाँ कि लगभग 70% से अधिक की आबादी कृषि कार्य में लगी हुई रहती है | कृषि कार्य में कृषकों एवं उनके साथ कार्यरत महिलाओं को वर्ष भर रोजगार नही मिल पाता है |कृषि पर निर्भरता एवं उसमे व्याप्त अदृश्य बेरोजगारी को दूर करने के उद्देश्य से नाबार्ड द्वारा वर्ष 1992-93 में स्वयं सहायता समूह(SHG) की अवधारणा प्रस्तुत की जिसके व्यापक प्रचार प्रसार एवं उसके महत्व को देखते हुए RBI द्वारा इसे प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को दिये जाने वाले अग्रिम के रूप में वर्ष 1995-96 में परिपत्रित किया |
*प्रतियोगिता में केवल ऐसे विषयो को ही पसंद करें जो हिन्दी विकिपीडिया में नहीं है किन्तु दूसरी भाषा के विकि पर है तो आप सीधे लेख का अनुवाद कर सकते हैं या तो चयनित विषय किसी भी विकि पे नहीं है किन्तु उल्लेखनीय है और विषय पर लेख बन सके इतनी सामाग्री आपके पास होनी चाहिए। अनुवाद उपकरण का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करें। अनुवाद करने के बाद लेख को ठीक करना न भूलें।
स्वयं सहायता समूह क्या है:- स्वयं सहायता समूह (एसएचजी), आपस में अपनापन रखने वाले एक जैसे सूक्ष्म उद्यमियों का ऐसा समूह है जो अपनी आय से सुविधाजनक तरीके से बचत करने और उसको समूह के सम्मिलित फंड में शामिल करने और उसे समूह के सदस्यों को उनकी उत्पादक और उपभोग जरूरतों के लिये समूह द्वारा तय ब्याज, अवधि और अन्य शर्तों पर दिये जाने के लिये आपस में सहमत होते हैं | एक आदर्श स्वयं सहायता समूह में सदस्यों की संख्या 10 से 20 के बीच होनी चाहिये |
*आप जिस विषय में लेख लिख रहे हैं वो विषय विकिपीडिया के [[वि:उल्लेखनीयता|उल्लेखनीयता]] के मापदंडो के अनुसार स्पष्ट रूप से उल्लेखनीय होना चाहिए। लेख पर साफ प्रचार हा हटाने हेतु चर्चा के लिए टैग लगती है तो हो सकता है कि लेख की गीनती प्रतियोगीता में नहीं होगी। इस कारण पहले से ही स्पष्ट उल्लेखनीय विषयो को पसंद करना ठीक रहेगा।
स्वयं सहायता समूह के उदेश्य एवं कार्य:- कोई भी समूह या समिति अपने एक निश्चित उद्देश्य की पूर्ति के लिए बनाये जाते है एवं उन उद्देश्यों की पूर्ति के लिए कुछ अंतर्नियम समूह द्वारा आपसी सलाह के पश्चात एक नियमावली के रूप में बनाये जाते है | प्रमुख तौर स्वयं सहायता समूह के निम्न उद्देश्य होते है:-
*आप लेख अनुवाद करके बना रहे हैं तो ध्यान रखें कि लेख मशीनी अनुवाद वाला नहीं होना चाहिए, वर्तनी की गलतियाँ न हो या कम से कम हो, अनुवाद में अभी ज्ञानसन्दुक नहीं लग पाता उसे मैनुअली जोड़ दें। हिन्दी विकि में से उचित श्रेणियाँ भी जोड़ दें एवं पाठ भी ठीक कर दें।
1. ग्रामीण क्षेत्रों में बचत की आदत को बढ़ावा देना |
* लेख की शैली हिन्दी विकिपीडिया के मापदंडो के अनुरूप होनी चाहिए। जैसे कि प्रथम अक्षर लेख का नाम गाढ़े अक्षरों में लिखा हो, भूमिका में लेख का सार और नीचे अभूभागों में लेख का विस्तार करना चाहिए, सभी प्रकार के दावे, तथ्य के साथ संदर्भ जोड़े, दूसरे लेखों कि कड़ियाँ जोड़े किन्तु लाल कड़ियाँ न जोड़े, दूसरे लेखो में अपने बनाए लेखों कि कड़ियाँ जोड़ने के लिए इन्हें भी देखें वाले अनुभाग का प्रयोग करें, ज्ञानसन्दुक, कुछ और बॉक्स, तसवीरे आदि जोड़कर लेख को और भी अच्छा बनाया जा सकता है।
2. सामूहिक प्रयास के माध्यम से आत्मनिर्भर बनना |
*ध्यान रखें कि लेख में कम से कम दो संदर्भ हो, एक श्रेणी हो और लेख तीन चार पेरेग्राफ में ही खत्म नहीं हो जाना चाहिए। इस प्राथमिक आवश्यकताओ को पूर्ण करने वाले लेख को ही प्रतियोगिता में स्थान दिया जाएगा।
3. अपने कुछ कार्य जैसे- शिक्षा,स्वच्छता एवं सामाजिक कुरीतियों के निर्मूलन के हेतु सकारात्कमक प्रयास करना |
* अच्छे लेख में ज्ञानसन्दुक, चित्र, ज्यादा से ज्यादा संदर्भ, एक दो श्रेणियाँ, कुछ साँचे और लेख के विषय को अनुभागो में विभाजित करके अच्छी तरह से विवरण लिखा होता है। एसे अच्छे लेख निर्मित करने का प्रयास करें।
4. बैंकरों और ग्रामीण जनता के बीच आपसी विश्वास का वातावरण बनाना |
* लेख पूर्ण होने के बाद ही यहाँ लेख का नामांकन करें। कितने भी लेखों का नामांकन किया जा सकता है। बाद में सभी लेखों की जांच होगी और अंक दिये जाएँगे। जीतने अधिक लेख उतने अधिक अंक मिलेंगे। अंको की गणना के आधार पर विजेताओं की घोषणा होगी। लेख बनाने के बाद लेख के वार्तापृष्ठ पर हिन्दी दिवस परियोजना का साँचा लगा दें। जिससे लेख स्वतः ही इस परियोजना की श्रेणी में जुड़ जाएगा।
5. वित्तीय संस्थाएं समाज के जिन वर्गों तक नहीं पहुंच पाती हैं समाज के उन वर्गों में बचत की आदत और ऋण की सुविधा के प्रयोग को प्रोत्साहित करना |
[[श्रेणी:विकिपीडिया]]
6. अपनी सामूहिक बचत को सुरक्षित रखने हेतु बैंक खाता खोलवाना |
[[श्रेणी:विकिपीडिया प्रतियोगिताए]]
7. प्रत्येक माह समूह की आपसी बैठक आयोजित करना एवं समूह द्वारा किये जा रहे कार्यों की समीक्षा करना |
8. स्व-रोजगार की आदत को बढ़ावा देने एवं अर्थोपार्जन के उद्देश्य से बैंक से वित्तीय सहायता प्राप्त करना |
स्वयं सहायता समूह का महत्व एवं उपयोगिता:- स्वयं सहायता समूह के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही है | सामान्य तौर पर स्वयं सहायता समूह का महत्व एवं उपयोगिता को हम निम्न प्रकार से व्यक्त कर सकते है:-
1. SHG के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में सूक्ष्म बचत की आदत को बढ़ावा मिला है जिससे ग्रामीण जनताओं के बीच बैंक संपर्क भी बढ़ा है |
2. समूह के द्वारा बैंक लिंकेज कार्यक्रम से जुड़ने पर ग्रामीण क्षेत्रों में कुटीर एवं लघु उद्योग स्थापित हुए है जिससे रोजगार में वृद्धि हुई है|
3. स्वयं सहायता समूह की स्थापना के बाद ग्रामीण जनता को साहूकारों एवं दलाल के चंगुल से मुक्ति मिली है |
4. सामूहिक नेतृत्व के माध्यम से आपसी मतभेदों का समाधान आसानी से किया जाता है |
उपसंहार:- अपने उपरोक्त विवरण के आधार पर हम इस निष्कर्ष पर पहुचते है कि भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी बैंकों की सुदूर-दुरांचल तक पहुँच नही होने के कारण,लोगो द्वारा आपसी बचत और सामूहिक आवश्कताओं की पूर्ति के लिए स्वयं सहायता समूह की स्थापना एक क्रांतिकारी कदम है जो ग्रामीण महिलाओं/पुरुषों के आत्मनिर्भरता का मार्ग प्रशस्त करता है | बैंक लिंकेज कार्यक्रम के माध्यम से बैंक द्वारा स्वयं सहायता समूह को उनकी आवश्कता अनुसार ऋण वितरित किया जाता है जिससे समूह द्वारा स्वरोजगार संबंधी कार्य किये जाते है | हमारे छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक द्वारा गत वर्ष 8000 से अधिक SHG को बैंक लिंकेज कर उन्हें वित्तपोषण किया गया है |