"आर्य प्रवास सिद्धान्त": अवतरणों में अंतर
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===विरोधी तर्क ===
भारत की आज़ादी के बाद कई पुरातात्विक खो़ज हुए । इन खोज़ों और डीएनए के अध्ययन, भाषाओं की समरूपता आदि शोध इस सिद्धांत से मेल नहीं खाते । कुछ तर्क यहाँ दिए गए हैं -
* सबसे पुराने ऋगवेद में आर्य नाम की
* किसी प्रयाण या आक्रमण का उल्लेख या यहाँ तक कि गाथा, संस्मरण आदि
* ऋगवेद में किसी राजा का या किसी शासक को किसी ख़ास दिशा या ज़मीन पर आक्रमण करने का कोई आदेश नहीं मिलता, ना ही अपने राज्य विस्तार का प्रोत्साहन भी ।
* भाषाई प्रमाण - भाषा की समरूपता के बारे में मिथक ये है कि संस्कृत और यूरोप (और ईरान) की भाषाओं में समानताएं हैं । हाँलांकि ये सच है कि कुछ शब्द एक जैसे हैं, लेकिन हज़ारों शब्दों में दूर-दूर तक कोई मेल नहीं । साथ ही व्याकरण में तो बहुत भिन्नता है, लेकिन भारत के अन्दर की भाषाओं में कई समानताए हैं । उदाहरण के लिए -
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