"चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य": अवतरणों में अंतर

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'''चन्द्रगुप्त विक्रमादित्यविक्रमादित्अनुच्छेद''' (राज 38080-413) [[गुप्त राजवंश]] का राजा।
{{उद्धरणहीन|date=जून 2015}}{{गुप्त साम्राज्य ज्ञानसन्दूक}}
'''चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य''' (राज 380-413) [[गुप्त राजवंश]] का राजा।
 
[[चित्र:Two Gold coins of Chandragupta II.jpg|thumb|300px|चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य की मुद्रा]]
 
'''चन्द्रगुप्त द्वितीय महान''' जिनको संस्कृत में '''[[विक्रमादित्य ६|विक्रमादित्य]]''' या '''चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य''' के नाम से जाना जाता है; गुप्त वंश के एक महान शक्तिशाली सम्राट थे। उनका राज्य 375-413/15 ई तक चला जिसमें गुप्त राजवंश ने अपना शिखर प्राप्त किया। गुप्त साम्राज्य का वह समय भारत का [[स्वर्णिम युग]] भी कहा जाता है। चन्द्रगुप्त द्वितीय महान अपने पूर्व राजा [[समुद्रगुप्त]] महान के पुत्र थे। उसने आक्रामक विस्तार की नीति एवं लाभदयक पारिग्रहण नीति का अनुसार करके सफलता प्राप्त की।
 
== परिचय ==