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अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) |
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'''मुक्तछन्द''' (Free verse या vers libre) [[कविता]] का वह रूप है जो किसी [[छन्द]]विशेष के अनुसार नहीं रची जाती न ही तुकान्त होती है। मुक्तछन्द की कविता सहज भाषण जैसी प्रतीत होती है। [[हिन्दी]] में मुक्तछन्द की परम्परा [[सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला']] ने आरम्भ की।
[[en:Free verse]]
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