"चमड़ा उद्योग": अवतरणों में अंतर

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प्राचीन काल में चर्मपाक के लिये एकमात्र वंजुलछाल प्रयुक्त होती थी, किंतु अब अन्य अनेक वानस्पतिक पदार्थों का उपयोग होता है। इन्हें पर्किन महोदय में मुख्यतया तीन वर्गों में बाँटा है :
 
*1. '''इलागी (elagi) टैनिस''' - टैनिनांश सहित इस वर्ग के पदार्थ, हैं : वंजुलछाल, 10-12 प्रतिशत; हर्रा (Terminalia chebula) 33-36 प्रतिशत; वैलोनिया (Quercus aegilops) 30-40 प्रतिशत; डिवी-डिवी (Caesalpinia coriaria) 39-42 प्रतिशत; हर्रा का निष्कर्ष 50-55 प्रतिशत और अलगारोविल्ला (Caesalpinia brevifolia) 60-80 प्रतिशत।
*2. '''गैलो (Gallo) टैनिन''' - इनमें अग्रलिखित टैनिनांश हैं : सुमाख (Rhus coriaria) 26-30 प्रतिशत; पांगर (Castanea vesca) काष्ठ, 26-30 प्रतिशत और माजूफल (Quercus infectoria) 50-60 प्रतिशत।
*3. '''कैटिकोल (Catechol) टैनिन''' - लार्च (Latix europaea) में 9-10 प्रतिशत; हेमलाक (Abies canadensis) में 8-20 प्रतिशत; मैलेट (Eucalyptus occidentalis) की छाल में 20-25 प्रतिशत; वंजुलकाष्ठसत्व में 26-28 प्रतिशत; कानाएग्रे (Rumex hymenosepalum) में 25-30 प्रतिशत; गैंबियर (Nauclea gambir) में 35-45 प्रतिशत; मिमोसा (Acacia pycnantha) में 38-49 प्रतिशत; मिमोसा निष्कर्ष में 62-64 प्रतिशत और क्युब्रेको (Quebracho colorado) निष्कर्ष में 62-68 प्रतिशत टैनिन रहता है।
 
इलागी टैनिनों का एक गुण यह है कि इनके उपचार से चमड़े पर इलैगिक (ellagic) अम्ल का एक रवेदार, पृष्ठीय निक्षेप बन जाता है, किंतु अन्य दोनों वर्गों के टैनिनों से नहीं बनता। इस निक्षेप से तैयार चमड़े में दृढ़ता आती है, किंतु बाद में यदि चमड़े को रँगना हो, तो यह बाधक होता है।
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'''वानस्पतिक चर्मपाक प्रक्रिया''' - तले, पट्टे, मशीनों या गद्दी के मोटे चमड़ों के लिये ग्रेटब्रिटेन में भारी खालों की चूना उपचार के पश्चात् ही काट छाँट (rounding) कर लेते हैं। इन कामों के लिये मुख्य तथा सर्वोत्तम भाग पुट्ठों का होता है, जिसकी पाकविधि भिन्न है। बाकी लगभग आधे क्षेत्रफल में पेट और कंधों के भाग होते हैं। इनसे हल्के कामों का चमड़ा बनाते हैं, जैसे जूते का उपरला, अस्तर, जिल्दसाजी के चमड़े, मनोहारी वस्तुएँ इत्यादि। इन हल्के भागों और छोटी खालों का चर्मपाक बिना काटे छाँटे ही कर लेते हैं। फिर उनकी मोटाई यदि आवश्यकता से अधिक हो, तो चिराई मशीन द्वारा वांछित मोटाईवाली समतल पर्तें बना लेते हैं।
 
वानस्पतिक चर्मपाक के संपूर्ण प्रक्रम में, [[आपेक्षिक घनत्व]] और [[अम्लता]] अंकित करनेवाले उपकरणों द्वारा चर्मपाक द्रवों की सांद्रता यथार्थतापूर्वक नियंत्रित रखते हैं।
 
=== मोटे चमड़ों का पाक ===