"खड़ीबोली": अवतरणों में अंतर

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वस्तुत: आधुनिक हिंदी साहित्य खड़ी बोली का ही साहित्य है जिसके लिए [[देवनागरी लिपि]] का सामान्यत: व्यवहार किया जाता है और जिसमें संस्कृत, पाली, प्राकृत आदि के शब्दों और प्रकृतियों के साथ देश में प्रचलित अनेक भाषाओं और जनबोलियों की छाया अपने तद्भव रूप में वर्तमान है।
 
कई अन्य लेखकों के अनुसार खड़ीबोली/खड़ीभाषा [[ब्रजभाषा]] ही है क्योंकि उसका आरम्भ भी शौरसेनी में से ही माना जाता है। थोडे से अन्तर मात्र के साथ यह ब्रजभाषा की तरह ही बोली जाती है।
 
== इन्हें भी देखें ==
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* [[हिन्दुस्तानी]]
* [[संस्कृत]]
* [[ब्रजभाषा]]
 
{{हिन्दी की बोलियाँ}}