→सम्भल
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सम्भल भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में स्थित एक शहर व नगरपालिका परिषद है. कलियुग के अंत में विष्णुयश ब्राह्मण के यहां इसी सम्भल में भगवान कल्कि का अवतार होगा, सतयुग में इस स्थान का नाम सत्यव्रत था, त्रेता मे महदगिरि, द्वापर में पिंगल और कलयुग में सम्भलपुर है, इसमे ६८ तीर्थ और १९ कूप हैं यहां एक अति विशाल प्राचीन मन्दिर है, इसके अतिरिक्त तीन मुख्य शिवलिंग है, पूर्व में चन्द्रशेखर, उत्तर मे भुबनेश्वर, और दक्षिण में सम्भलेश्वर हैं.प्रतिवर्ष कार्तिक शुक्ल चतुर्थी और पंचमी को यहाँ मेला लगता है और यात्री इसकी परिक्रमा करते हैं.
== '''जनसांख्यिकी''' ==
२००१ की भारतीय जनगणना के अनुसार सम्भल की जनसँख्या १८२, ९३० थी. जनसँख्या का ५३% भाग पुरुष व ४७% भाग महिलाएं हैं. सम्भल की साक्षरता दर राष्ट्रीय औसत ५९.५% से कम ३५% है: पुरुष साक्षरता ४०% व महिला साक्षरता २९% है. सम्भल में, १८% जनसँख्या ६ वर्ष की आयु से कम है. सम्भल एक पुराना उपनिवेश है जो मुस्लिम शासन के समय भी महत्वपूर्ण था व सिकंदर लोदी की १५वीं सदी के अंत व १६वीं सदी के शुरू में प्रांतीय राजधानियों में से एक था. यह प्राचीन शहर एक समय महान चौहान सम्राट पृथ्वीराज चौहान की राजधानी भी था व संभवतः यह वहीं है जहाँ वह अफगानियों द्वारा द्वितीय युद्घ में मारे गए. "मकान टूटे लोग झूठे" के लिए भी इसे जाना जाता है लेकिन इसका वास्तविकता से कोई लेना देना नहीं है. कुछ निवासियों के द्वारा इसका वर्तमान में सत्य होने का दावा किया जाता है. १९९१ की जनगणना में सम्भल को पूरे देश में न्यूनतम साक्षरता वाला पाया गया था. लेकिन समय के साथ स्थितियों में सुधार आया है.
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