"व्याकरण": अवतरणों में अंतर

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{{निबंध|date=अक्टूबर 2014}}
किसी भी [[भाषा]] के अंग प्रत्यंग का विश्लेषण तथा विवेचन '''व्याकरण''' (ग्रामर) कहलाता है। व्याकरण वह विद्या है जिसके द्वारा किसी [[भाषा]] का शुद्ध बोलना, शुद्ध पढ़ना और शुद्ध लिखना आता है। किसी भी भाषा के लिखने, पढ़ने और बोलने के निश्चित नियम होते हैं। भाषा की शुद्धता व सुंदरता को बनाए रखने के लिए इन नियमों का पालन करना आवश्यक होता है। ये नियम भी व्याकरण के अंतर्गत आते हैं। व्याकरण भाषा के अध्ययन का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है।