"त्रिकोणमितीय फलन": अवतरणों में अंतर

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आज प्रयोग किये जाने वाले सभी छः त्रिकोणमितीय फलन ९वीं शती तक इस्लामी गणित में प्रयोग होने लगे थे। अल-ख्वारिज्मी ने ज्या, कोज्या और स्पर्शज्या की सारणियाँ बनायी थी।
 
[[संगमग्राम के माधव]] ने पंद्रहवीं शदी के आरम्भ में त्रिकोणमितीय फलनों का का अध्ययन [[श्रेणी]] के रूप में किया है।
 
== सन्दर्भ ==