"रेशमा": अवतरणों में अंतर

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== प्रसिद्धि ==
रेशमा सब से पहले रेडियो पाकिस्तान पर गाने गाकर मशहूर हुईं थीं।<ref>http://www.banjaratimes.com/32737/25806.html</ref><ref>http://www.livetv.pk/singer/reshma.html</ref> उनके सब से जाने माने गानों में "''[[दमादम मस्त क़लन्दर]]''", "''हाय ओ रब्बा, नहियो लाग्दा दिल मेरा''", "''सुन चरख़े दी मिट्ठी-मिट्ठी कूक माहिया मईनु याद आउंदा''", "''वे मैं चोरी-चोरी''" और "''अक्खियाँ नूं रैह्न दे अक्खियाँ दे कोल''" शामिल हैं। "''अक्खियाँ नूं रैह्न दे अक्खियाँ दे कोल''" को [[राज कपूर]] ने १९७३ में बनी फ़िल्म [[बॉबी (1973 फ़िल्म)|बॉबी]] में हिन्दी में अनुवादित कर के "''अक्खियों को रहने दे अक्खियों के पास''" के रूप में डाला। धीरे-धीरे रेशमा के गाने सीमा पार कर के भारत में लोकप्रिय होने लगे। १९८०-९० के अरसे में जब भारत-पाकिस्तान के दरमयान कलाकारों को आने-जाने की छुटकि अनुमति दी गयी, तो रेशमा नें भारत में गाने गाये। [[सुभाष घई]] नें अपनी फ़िल्म 'हीरो' में उनसे "''लम्बी जुदाई''" गवाया जो बहुत चला।प्रसिद्ध हुआ।<ref>http://www.the-south-asian.com/feb2004/reshma__encore_in_india.htm</ref>
 
रेशमा नें पंजाबी और हिन्दी-उर्दू के अलावा सिन्धी, राजस्थानी, पहाड़ी-डोगरी और पश्तो में गाने गाये थे।
"https://hi.wikipedia.org/wiki/रेशमा" से प्राप्त