"अनुपमा चोपड़ा": अवतरणों में अंतर

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{{ज्ञानसन्दूक व्यक्ति
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'''अनुपमा चोपड़ा''' (जन्म 23 फरवरीफ़रवरी 1967) एक भारतीय लेखक, पत्रकार और फिल्मफ़िल्म समीक्षक हैं। उन्होंने [[भारतीय सिनेमा]] पर काफीकाफ़ी किताबेकिताबें लिखीं हैं और [[एनडीटीवी इंडिया|NDTV]], [[इण्डिया टुडे|India Today]] के साथ-साथ हिंदुस्तान टाइम्स के लिए फिल्मफ़िल्म समीक्षक का काम किया है। उन्होंने स्टार वर्ल्ड पर साप्ताहिक फिल्म समीक्षा शो द फ्रंटफ़्रंट रो विद अनुपमा चोप्रा को भी होस्ट किया है।  <ref>{{cite news|last=Chopra|first=Anupama|title=Anupama Chopra's review: Paan Singh Tomar|url=http://www.hindustantimes.com/Entertainment/Reviews/Anupama-Chopra-s-review-Paan-Singh-Tomar/Article1-819886.aspx|accessdate=6 March 2012|newspaper=Hindustan Times|date=2 March 2012|quote=Starting today, Anupama Chopra becomes Hindustan Times' film critic.}}</ref>
== संदर्भ ==
 
== प्रारंभिक जीवन और पृष्ठभूमि ==
अनुपमा का जन्म कलकात्ता, भारत में चन्द्र प्रसाद परिवार में अनुपमा चन्द्र के तौर पर हुआ और वे [[उत्तरप्रदेशउत्तर प्रदेश]] के शहर [[बदायूँ|बदायूं]] में भी रहीं हैं। उनके पिता [[यूनियन कार्बाइड]] के कार्यपालक थे और माँ एक पटकथा लेखक थीं जो की [[प्रेम रोग (1982 फ़िल्म)|प्रेम रोग]] (1982) और [[चाँदनी (1989 फ़िल्म)|चांदनी]] (1989) जैसी फिल्मों के लिए डायलॉग्स लिखती थीं। उनकी बहन तुनुजा चंद्रा हैं जो बॉलीवुड निर्देशक और स्क्रीनराइटर हैं और उनके भाई विक्रम चंद्रा हैं जो अपना समय कैलिफ़ोर्निया और भारत में बिताते हैं। अनुपमा ने काफी वर्ष अपने बचपन के हांगकांग में भी बिताये हैं। 1987 में उन्होंने अंग्रेजी साहित्य में सेंट ज़ेवियर कॉलेज ,मुंबई से स्नातक स्तर की पढाई पूरी की।
 
बाद में, उन्होंने [[नॉर्थवेस्टर्न विश्वविद्यालय|नॉर्थवेस्टर्न उनिवेर्सितीस मेदिल्ल स्कूल ऑफ़ जर्नलिज्म]] से पत्रकारिता में MA किया। मेदिल्ल में उन्होंने हर्रिन्ग्तों अवार्ड फॉर मैगज़ीन जर्नलिज्म का अवार्ड जीता। <ref name="tom">{{cite news|last=Ramnath|first=Nandini|title=Home truths Anupama Chopra|url=http://www.timeoutmumbai.net/client_coverstory/client_coverstory_details.asp?code=475|accessdate=6 March 2012|newspaper=Time Out Mumbai}}</ref>
== ग्रंथ सूची ==
 
'''अनुपमा चोपड़ा''' (जन्म 23 फरवरी 1967) एक भारतीय लेखक, पत्रकार और फिल्म समीक्षक हैं। उन्होंने [[भारतीय सिनेमा]] पर काफी किताबे लिखीं हैं और [[एनडीटीवी इंडिया|NDTV]],[[इण्डिया टुडे|India Today]] के साथ-साथ हिंदुस्तान टाइम्स के लिए फिल्म समीक्षक का काम किया है। उन्होंने स्टार वर्ल्ड पर साप्ताहिक फिल्म समीक्षा शो द फ्रंट रो विद अनुपमा चोप्रा को भी होस्ट किया है।  <ref>{{cite news|last=Chopra|first=Anupama|title=Anupama Chopra's review: Paan Singh Tomar|url=http://www.hindustantimes.com/Entertainment/Reviews/Anupama-Chopra-s-review-Paan-Singh-Tomar/Article1-819886.aspx|accessdate=6 March 2012|newspaper=Hindustan Times|date=2 March 2012|quote=Starting today, Anupama Chopra becomes Hindustan Times' film critic.}}</ref>
अपनाअपनी शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने फिल्मफ़िल्म पत्रकार और आलोचक के तौर पर अपना करियरपेशा शुरू किया। उनकी पहली किताब शोले:द मेकिंग ऑफ़ अ क्लासिक ने सिनेमा पर लिखी गयी सबसे अचीअच्छी किताब का राष्ट्रीय पुरस्कार जीता। उनकी किताब किंग ऑफ़ बॉलीवुड: शाहरुख़ खान और द सेदुक्टिव वर्ल्ड ऑफ़ इंडियन सिनेमा को न्यू यॉर्क टाइम्स बुक रिव्यु के एडिटर्स चॉइस की सूची में जगह दिया गया।
 
== कैरियरपेशा ==
उन्हें अपनी पहली किताब शोले:द मेकिंग ऑफ़ अ क्लासिक के लिए 2000 में सिनेमा पर सर्वश्रेष्ठ पुस्तक का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला।
 
== व्यक्तिगत जीवन ==
चोपड़ा के काम को भारत के सबसे बड़े अंग्रजीअंग्रज़ी पत्रिका इंडिया टुडे में प्रकाशित किया गया था।
अनुपमा का जन्म कलकात्ता,भारत में चन्द्र प्रसाद परिवार में अनुपमा चन्द्र के तौर पर हुआ और वे [[उत्तरप्रदेश]] के शहर [[बदायूँ|बदायूं]] में भी रहीं हैं। उनके पिता [[यूनियन कार्बाइड]] के कार्यपालक थे और माँ एक पटकथा लेखक थीं जो की [[प्रेम रोग (1982 फ़िल्म)|प्रेम रोग]] (1982) और [[चाँदनी (1989 फ़िल्म)|चांदनी]] (1989) जैसी फिल्मों के लिए डायलॉग्स लिखती थीं। उनकी बहन तुनुजा चंद्रा हैं जो बॉलीवुड निर्देशक और स्क्रीनराइटर हैं और उनके भाई विक्रम चंद्रा हैं जो अपना समय कैलिफ़ोर्निया और भारत में बिताते हैं। अनुपमा ने काफी वर्ष अपने बचपन के हांगकांग में भी बिताये हैं। 1987 में उन्होंने अंग्रेजी साहित्य में सेंट ज़ेवियर कॉलेज ,मुंबई से स्नातक स्तर की पढाई पूरी की।
 
बाद में, उन्होंने [[नॉर्थवेस्टर्न विश्वविद्यालय|नॉर्थवेस्टर्न उनिवेर्सितीस मेदिल्ल स्कूल ऑफ़ जर्नलिज्म]] से पत्रकारिता में MA किया। मेदिल्ल में उन्होंने हर्रिन्ग्तों अवार्ड फॉर मैगज़ीन जर्नलिज्म का अवार्ड जीता। <ref name="tom">{{cite news|last=Ramnath|first=Nandini|title=Home truths Anupama Chopra|url=http://www.timeoutmumbai.net/client_coverstory/client_coverstory_details.asp?code=475|accessdate=6 March 2012|newspaper=Time Out Mumbai}}</ref>
 
अपना शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने फिल्म पत्रकार और आलोचक के तौर पर अपना करियर शुरू किया। उनकी पहली किताब शोले:द मेकिंग ऑफ़ अ क्लासिक ने सिनेमा पर लिखी गयी सबसे अची किताब का राष्ट्रीय पुरस्कार जीता। उनकी किताब किंग ऑफ़ बॉलीवुड:शाहरुख़ खान और द सेदुक्टिव वर्ल्ड ऑफ़ इंडियन सिनेमा को न्यू यॉर्क टाइम्स बुक रिव्यु के एडिटर्स चॉइस की सूची में जगह दिया गया।
 
चोपड़ा के काम को भारत के सबसे बड़े अंग्रजी पत्रिका इंडिया टुडे में प्रकाशित किया गया था।
 
उन्होंने NDTV 24X7 न्यूज़ चैनल में पिक्चर दिश नाम का शो होस्ट किया है। वर्तमान में वे यू ट्यूब पर फिल्म कम्पैनियन नाम का शो होस्ट कर रही हैं।
 
नवंबर 2014 में, चोपड़ा श्याम बेनेगल की जगह मुंबई अकादमी ऑफ़ द मूविंग इमेज (MAMI) द्वारा आयोजित मुंबई फिल्मफ़िल्म फेस्टिवलफ़ेस्टिवल की अध्यक्ष बनी ''|''बनी।<ref>{{Cite news|url=http://timesofindia.indiatimes.com/entertainment/hindi/bollywood/news/MAMI-has-a-new-chairperson/articleshow/45187036.cms|title=MAMI has a new chairperson - Times of India|newspaper=The Times of India|access-date=2016-12-19}}</ref><ref>{{Cite news|url=https://www.thequint.com/entertainment/2016/11/25/anupama-chopra-talks-about-including-the-power-of-bollywood-in-a-film-festival|title=Anupama Chopra on Balancing Life as a Critic and Festival Director|newspaper=The Quint|access-date=2016-12-19}}</ref>
 
उनकी शादी बॉलीवुड के निर्माता और निर्देशक विधु विनोद चोपड़ा से हुई है।  <ref name="tom"/><ref>{{cite web|title=Sleeping with the Enemy|publisher=[[OPEN (magazine)|OPEN]]|url=http://www.openthemagazine.com/article/art-culture/sleeping-with-the-enemy|date=8 May 2010|accessdate=27 July 2014}}</ref>
 
== ग्रंथसूची ==
* ''शोले का एक क्लासिक''है. पेंगुइन बुक्स, 2000. ISBN 014029970X.
* ''दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे ("बहादुर दिल ले जाएगा दुल्हन")'', ब्रिटिश फिल्म संस्थान, 2002. ISBN 0851709575.
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* ''फ्रीज फ्रेम''. ओम बुक्स, 2013. ISBN 9381607117.
* ''100 फिल्मों को देखने के लिए इससे पहले कि आप मरो''. बीसीसीएल, नई दिल्ली, 2013. ISBN 9382299351.
* ''सामने पंक्ति: बातचीत पर सिनेमा''है। हार्पर कॉलिन्स ''पब्लिशर्स'' इंडिया, 2015. ISBN 9789351770015.{{Reflist|2}}
 
== संदर्भ ==
{{Reflist|2}}
 
[[श्रेणी:1962 में जन्मे लोग]]