"आरुषि हेमराज हत्याकाण्ड": अवतरणों में अंतर

तलवाल दम्पति को न्यायलय से आरोपमुक्त किया गया
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इसके अलावा धारा 201 के तहत दोनों मुल्जिमों को पाँच-पाँच साल क़ैद की सजा दी गयी। इसके साथ ही धारा 203 के तहत डॉ राजेश तलवार को एक साल की अतिरिक्त सजा भी हुई। तलवार दम्पति में [[पति]] राजेश तलवार पर 17 हजार जबकि [[पत्नी]] नूपुर तलवार पर पन्द्रह हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।
 
== सन्दर्भ ==
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[[श्रेणी:हत्या]]
शुक्रवार को केंद्रीय जाँच एजेंसी (सीबीआई) ने अपनी जाँच में कहा था कि उसे आरुषि के पिता राजेश तलवार के ख़िलाफ़ कोई सबूत नहीं मिले हैं.
[[श्रेणी:बलात्कार]]
और इसके बाद ग़ाज़ियाबाद में सीबीआई की विशेष अदालत ने राजेश तलवार को दस लाख रुपए के मुचलके पर ज़मानत दे दी थी.
राजेश तलवार डासना के जेल में कोई 50 दिन रहे.
उत्तरप्रदेश पुलिस ने उन्हें हत्याकांड के मुख्य अभियुक्त के रुप में गिरफ़्तार किया था और जब मामला सीबीआई को सौंपा गया तो सीबीआई ने उन्हें हिरासत में रखा और जाँच करती रही.
सीबीआई ने राजेश तलवार के कंपाउंडर कृष्णा, तलवार परिवार की परिचित अनीता दुर्रानी के नौकर राजकुमार और पड़ोस के एक नौकर विजय मंडल को गिरफ़्तार किया था.
सबूत नहीं
 
शुक्रवार को ज़मानत मिलने के बाद शनिवार की सुबह डासना जेल से राजेश तलवार को रिहा किया गया.
जेल के बाहर उनकी पत्नी नुपुर तलवार और उनके भाई दीपक तलवार और कुछ मित्र-रिश्तेदार उपस्थित थे.
बाद में उन्होंने मीडिया से बात करते हुए सीबीआई को धन्यवाद दिया है.
शुक्रवार को सीबीआई ने दिल्ली में एक प्रेस कांफ़्रेस में संयुक्त निदेशक अरुण कुमार ने कहा था, "नोएडा पुलिस की केस डायरी के मुताबिक जब डॉक्टर राजेश तलवार को गिरफ़्तार किया गया था, उस समय नोएडा पुलिस के पास उनके ख़िलाफ़ कोई सबूत नहीं था और फ़िलहाल सीबीआई ने भी ऐसा ही पाया है."
सीबीआई अधिकारी ने दावा किया कि अब तक हुई मनोवैज्ञानिक और फ़ॉरेंसिक तहक़ीकात के बाद वे इस नतीजे पर पहुँचे हैं कि हत्याकांड को तलवार के कंपाउंडर कृष्णा, तलवार परिवार की पारिवारिक मित्र अनीता दुर्रानी के नौकर राजकुमार और पड़ोस के एक घर के नौकर विजय मंडल ने मिलकर अंजाम दिया.
इस साल सोलह मई की सुबह 14 साल की आरुषि अपने माता-पिता के फ़्लैट में मृत पाई गई थीं. शुरुआती जाँच में उत्तर प्रदेश पुलिस ने उस घर के नौकर हेमराज पर हत्या का आरोप लगाया था.
लेकिन जब हेमराज का शव भी बाद में छत पर मिला तो पुलिस ने एक प्रेस कॉंफ़्रेस कर आरुषि की हत्या के लिए उसके पिता डॉक्टर राजेश तलवार को मुख्य अभियुक्त बताया और उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया.
लेकिन परिवार की माँग पर उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने एक संवाददाता सम्मेलन में घोषणा की कि वे परिवार की इच्छानुसार इस मामले को सीबीआई को सौंप रही हैं.