"ट्रैक्टर": अवतरणों में अंतर

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=== ट्रैक्टर चेजिस ===
ट्रैक्टर चेजिस के अंतर्गत ढाँचा, पहिए या कर्षण के अन्य साधन और मोड़न यंत्रविन्यास (steering mechanism) आते हैं ढाँचे पर यंत्र के अन्य एकक लगे रहते हैं, इसलिये इसका मजबूत होना आवश्यक है। पहले यह संधान (welding) रिवट जोड़ (rivetted joint) द्वारा बनाया जाता था किंतु आजकल ट्रैक्टर को हल्का, छोटा एवं संहत (compact) बनाने के लिये यह दो भागों में ढलाई द्वारा तैयार किया जाता है जिसमें से एक इंजन क्रैंक खोल (crank case) एवं दूसरा पारेषण कोष्ठ (transmission housing) का कार्य करता है। आजकल प्राय: सभी ट्रैक्टरों के पहिए निम्न दाब बायवीय रबर के बने होते हैं किंतु धान की खेती इत्यादि के लिए व्यवहार में लाए जानेवाले ट्रैक्टरों में आजकल भी इस्पात के पहिए लगाए जाते हैं। मोड़न यंत्रविन्यास का सबसे प्रमुख भाग गियर है जो मोड़न चक्र से मोड़न दंड को गति पारेषित करता है। ये गियर हमेशा एक कोष्ठ में बंद रहते हैं ताकि इनमें धूलिकण आदि का प्रवेश न हो सके।Golfसके।
 
== ट्रैक्टर की देखभाल ==