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३० सितम्बर २०१४ से यह पिथौरागढ़ जनपद की एक तहसील है। बेरीनाग तथा डीडीहाट तहसील के ११४ ग्रामों से इसका गठन किया गया।
 
==इतिहास==
थल पिथौरागढ़ जिले के सबसे पुराने कस्बों में है। थल में १६वीं सदी का शिव मंदिर है। इस मंदिर में भगवन शिव के बालेश्वर रूप की पूजा होती है। बिखौत संक्रांत के समय यहाँ ८ दिन का मेला लगता था, जिसमें १९११ के आसपास लगभग १५००० लोग एकत्रित होते थे।<ref>{{cite book|first1=एच जी|last1=वाल्टन|title=Almora : A Gazetteer|date=१९११|publisher=सरकारी प्रेस ([[संयुक्त प्रान्त]])|location=[[इलाहाबाद]]|page=२९६|language=अंग्रेजी}}</ref>
 
थल में १९५५ में अल्मोड़ा से सड़क पहुंची और १९५७ में तत्कालीन यूपी सरकार ने थल में विकासखंड कार्यालय खोल दिया।<ref name="ब्लॉक">{{cite news|title=थल ब्लॉक का अस्तित्व 55 वर्ष पहले समाप्त हो गया|url=http://www.amarujala.com/uttarakhand/pithoragarh/121508344875-pithoragarh-news|accessdate=२४ अक्टूबर २०१७|publisher=अमर उजाला|date=१८ अक्टूबर २०१७|location=थल|language=hi}}</ref> इस विकासखंड के अधीन 600 गांव आते थे। 1962 तक थल में विकासखंड का कामकाज चलता रहा, लेकिन अचानक सरकार ने विकासखंड कार्यालय बंद कर दिया और थल विकासखंड में आने वाले गांवों को डीडीहाट, बेड़ीनाग विकासखंड में बांट दिया।<ref name="ब्लॉक" />
 
११ अक्टूबर २००० को यहाँ एक प्राथमिक स्वास्थय केंद्र खोला गया था।<ref>{{cite news|title=अस्पताल में 17 वर्ष बाद भी सुविधाओं का अभाव|url=http://www.amarujala.com/uttarakhand/pithoragarh/lack-of-facilities-even-after-17-years-in-hospital|accessdate=२४ अक्टूबर २०१७|publisher=अमर उजाला|date=११ अक्टूबर २०१७|location=थल|language=hi}}</ref>
 
==सन्दर्भ==
{{संसूची}}
"https://hi.wikipedia.org/wiki/थल" से प्राप्त