"सूर्य नमस्कार": अवतरणों में अंतर

[अनिरीक्षित अवतरण][अनिरीक्षित अवतरण]
पंक्ति 13:
 
ॐ ध्येयः सदा सवितृ मण्डल मध्यवर्ती, नारायण सरसिजा सनसन्नि विष्टः ।<br>
केयूरवान मकरकुण्डलवान किरीटी, हारी हिरण्मय वपुर्वपुर्धृत शंख चक्रः ॥<br>
 
ॐ मित्राय नमः।<br>
पंक्ति 27:
ॐ अर्काय नमः।<br>
ॐ भास्कराय नमः।<br>
 
ॐ श्रीसवितृसूर्यनारायणाय नमः।<br>
 
आदित्यस्य नमस्कारन् ये कुर्वन्ति दिने दिने ।<br>
आयुः प्रज्ञा बलं वीर्यं तेजस्तेषांच जायते ॥<br>
<small>जो लोग प्रतिदिन सूर्य नमस्कार करते हैं, उनकी आयु, प्रज्ञा, बल, वीर्य और तेज बढ़ता है।</small>