"श्रीलंका": अवतरणों में अंतर
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== इतिहास ==
{{main|श्रीलंका का इतिहास}}
भारतीय पौराणिक काव्यों में इस स्थान का वर्णन लंका के रूप में किया गया है। इस जगह पर सर्वप्रथम बाबा भोले (शिवजी) ने अपने परिवार के लिए स्वर्णमहल बनाया था, इस राज्य की गृह प्रवेश करने के लिए उस समय के महान पंडित अति ज्ञनी भोले नाथ के परम भक़्त महान ब्राह्मण [[
प्राचीन काल से ही श्रीलंका पर शाही सिंहल वंश का शासन रहा है। समय-समय पर दक्षिण भारतीय राजवंशों का भी आक्रमण भी इस पर होता रहा है। तीसरी सदी ईसा पूर्व में [[मौर्य]] [[सम्राट अशोक]] के पुत्र [[महेन्द्र]] के यहां आने पर [[बौद्ध धर्म]] का आगमन हुआ।
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