"झाबुआ ज़िला": अवतरणों में अंतर

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'''झाबुआ जिला''', [[मध्य प्रदेश]] का एक [[जिला]] है। इसका मुख्यालय [[झाबुआ]] है।
 
पश्चिमी मध्य प्रदेश में स्थित झबुआ जिला [[गुजरात]] के [[वडोदरा]], [[राजस्थान]] के [[बांसवाड़ा जिला|बांसवाड़ा]] और मध्य प्रदेश के [[धार जिला|धार]] व [[रतलाम जिला|रतलाम]] जिलों से घिरा है। 16वीं शताब्दी में स्थापित यह जिला [[बहादुर सागर झील]] के किनारे बसा हुआ है। 6782 वर्ग किलोमीटर में फैला झबुआ मूलत: आदिवासी जिला है। यहां मुख्यत: [[भील]] और [[भीलालस]] आदिवासी जातियां रहती हैं। यह जिला आदिवासी हस्तशिल्प खासकर [[बांस]] से बनी वस्तुओं, गुडियों, आभूषणों और अन्य बहुत-सी वस्तुओं के लिए प्रसिद्ध है। [[नर्मदा]] यहां से बहने वाली प्रमुख नदी है। भाभरा, देवाझिरी, काठीवाड़ा, लक्ष्मणी ग्राम, मलवई और अमखुट यहां के प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं। झबुआ इंदौर से लगभग 150 किलोमीटर दूर है। यहां मुख्य रूप से भील जनजाति रहते हैं |और यहां की मुख्य बोली भीली है और यहां की संस्कृति और परंपरा बहुत ही अच्छी और विघ्यान संगत है और भारत के लिए ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए अनुकरण करने योग्य हैं| उदाहरणार्थ जैसे halma यहां की एक प्रमुख परंपरा है उसमें गाँव के लोग मिलकर अपने गांव में आई कोई भी समस्या का समाधान कर लेते हैं जैसे पेड़ पौधों को लगाना, पानी रोकना इत्यादि |ये सब काम यहा के लोग परमार्थ की प्रेरणा से जन, जल, जंगल, जमीन और जानवर के सन् वर् धन से समृद्धि लाने के लिए करते हैं |ये पाँच आयाम भीलो के रिति रिवाज, परंपराओ, और संस्कृति का हिस्सा है |अगर यहां हम गहराई से अध्ययन करे तो हमें प्राचीन भारत का सवर्णिम इतिहास झलकता हुआ दिखाई देता है |
 
== मुख्य आकर्षण ==