"मदनमोहन मालवीय": अवतरणों में अंतर
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|alma_mater = [[प्रयाग विश्वविद्यालय]]<br />[[कलकत्ता विश्वविद्यालय]]
|occupation =
Friend name Sachin Kumar house ejraha
'''महामना मदन मोहन मालवीय''' (25 दिसम्बर 1861 - 1946) [[काशी हिन्दू विश्वविद्यालय]] के प्रणेता तो थे ही इस युग के आदर्श पुरुष भी थे। वे [[भारत]] के पहले और अन्तिम व्यक्ति थे जिन्हें '''महामना''' की सम्मानजनक उपाधि से विभूषित किया गया। पत्रकारिता, वकालत, समाज सुधार, मातृ भाषा तथा भारतमाता की सेवा में अपना जीवन अर्पण करने वाले इस महामानव ने जिस [[विश्वविद्यालय]] की स्थापना की उसमें उनकी परिकल्पना ऐसे विद्यार्थियों को शिक्षित करके देश सेवा के लिये तैयार करने की थी जो देश का मस्तक गौरव से ऊँचा कर सकें। मालवीयजी सत्य, ब्रह्मचर्य, व्यायाम, देशभक्ति तथा आत्मत्याग में अद्वितीय थे। इन समस्त आचरणों पर वे केवल उपदेश ही नहीं दिया करते थे अपितु स्वयं उनका पालन भी किया करते थे। वे अपने व्यवहार में सदैव मृदुभाषी रहे।
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