"जनन": अवतरणों में अंतर
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=== अलैंगिक जनन ===
यह जनन पिंड के दो या दो से अधिक सम भागों में विभाजन से होता है। इस विभाजन का विखंडन (Fission) कहते हैं। यह विखंडन द्विविखंडन (Binary fission), बहुविखंडन (Multiple fission) या बीजाणुकरण (Sporulation) का रूप ले सकता है। द्विविखंडन का उदाहरण अमीबा (Amoeba) में मिलता है। समुद्भवन से भी जनन होता है। स्पंज, सीलेंटरेटा (Coelenterata) और ब्राइओजोआ (Bryozoa) में प्रवर्धन या कालिकाओं के रूप में जनन होता है। कुछ प्राणियों में पुनरुत्पादन (Regeneration) की शक्ति होती है। यदि उनके शरीर का कोई भाग क्षतिग्रस्त हो जाए या कट जाए तो उसका फिर निर्माण हो जाता है। यह बात हाइड्रा और केंचुए में देखी जाती है। यह शक्ति उच्च श्रेणी के जंतुओं में क्रमश: कम होती जाती है। स्तनियों में सबसे कम होती है और मनुष्य में केवल घावों के भरने तक ही सीमित रह जाती है। पुनरुत्पादन का एक दूसरा रूप खंडों में बढ़ना है या संविभाजन (fragmentation) है। प्लैनेरियनों (Planarians) के टुकड़े हो जाने पर प्रत्येक टुकड़ा अलग प्राणी बन जाता है। कुछ प्राणियों में जेम्यूलों (Gemmules) का निर्माण होता है। उत्पादक कोशिकाएँ गेंद के रूप में इकट्ठी हो जाती है, तथा उनके चारों तरफ कंटिकाओं (Spirules) की भित्ति बन जाती है, जिसे जेम्यूल कहते हैं। यहाँ जनक की मृत्यु हो जाती हैं, पर जेम्यूल जीते रहते हैं और अनुकूल मौसम आने पर पूर्ण स्पंज के रूप में विकसित हो जाते हैं। कुछ प्राणी स्टैटोब्लास्ट (Statoblast) का निर्माण करते हैं। यह मंडलाकार अवरोध्क रचना होती है, जो प्रतिकूल स्थिति के हट जाने पर नए मंडल में अंकुरित हो जाती
pratkul prakirya anukul ho jati h.
=== लैंगिक जनन ===
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