"भारवि": अवतरणों में अंतर
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किया गया है। इसकी भाषा उदात्त एवं हृदय भावों को प्रकट करने वाली है।
प्रकृति के दृश्यों का वर्णन भी अत्यन्त मनोहारी है। भारवि ने केवल एक
अक्षर ‘न’ वाला श्लोक लिखकर अपनी काव्य चातुरी का परिचय दिया है।
== इन्हें भी देखें==
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