'''भगवा ध्वज''' [[भारत]] का ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिसांस्कृतिक [[ध्वज]] है। यह [[हिन्दू धर्म|हिन्दुओं]] के महान प्रतीकों में से एक है। इसका रंग [[भगवा]] (saffron) होता है। यह त्याग, बलिदान, ज्ञान, शुद्धता एवं सेवा का प्रतीक है। यह हिंदुस्थानी संस्कृति का शास्वत सर्वमान्य प्रतीक है। हजारों हजारों सालों से भारत के शूरवीरों ने इसी परम पवित्र भगवा ध्वज की छाया में लड़कर देश की रक्षा के लिए प्राण न्यौछावर किये।
भगवा ध्वज, [[हिन्दू संस्कृति]] एवं [[धर्म]] का शाश्वत प्रतीक है। यही ध्वज सभी मन्दिरोंमंदिरो, आश्रमों में लगतालगाया जाता है। छत्रपती शिवाजी महाराज की सेना का यही ध्वज था;था। प्रभु [[श्री राम]], भगवान [[श्री कृष्ण]] और [[अर्जुन]] के रथों कापर यही ध्वज है।लहराता था।
ध्वज का भगवा रंग उगते हुए सूर्य का रंग है; अग्नी के ज्वालाओ रंग है। उगते [[सूर्य]] का रंग और उसे ज्ञान, वीरता का प्रतीक माना गया और इसीलिए हमारे पूर्वजों ने इसे सबका प्रेरणा स्वरूप माना।
भगवा ध्वज दो त्रिकोणों से मिलकर बना है जिसमें से उपर वाला त्रिकोण नीचे वाले त्रिकोण से छोटा होता है। ध्वज का भगवा रंग उगते हुए सूर्य का रंग है; आग का रंग है। उगते [[सूर्य]] का रंग और उसे ज्ञान, वीरता का प्रतीक माना गया और इसीलिए हमारे पूर्वजों ने इसे सबका प्रेरणा स्वरूप माना।[[मौलाना अबुल कलाम आजाद]] ने इसी भगवा ध्वज को स्वतंत्रता के बाद राष्ट्रीय ध्वज स्वीकार करने का आग्रह किया था।[[राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ]] ने भगवा ध्वज को ही अपना गुरू माना है। संघ की शाखाओं में इसी ध्वज को लगाया जाता है, इसका ही वन्दन होता है और इसी ध्वज को साक्षी मानकर सारे कार्यकर्ता तैयार किये जाते हैं। और उनको समझाया जाता है कि [[तिरंगा]] बाद में है पहले भगवा ध्वज इसी वजह से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने 1950 से लेकर 2002 तक तिरंगे को भारत का राष्ट्रीय ध्वज नहीं माना और भगवा ध्वज को राष्ट्रीय ध्वज माना।और अपने मुख्य कार्यालय नागपुर में हमेशा भगवा ध्वज फहराते थे।इस ध्वज कि रक्षा के लिये लाखों हिन्दु तैयार हैं।
[[राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ]] ने परम पवित्र भगवा ध्वज को ही अपना गुरू माना है। संघ की शाखाओं में इसी ध्वज को लगाया जाता है, इसका ही वंदन होता है और इसी ध्वज को साक्षी मानकर सारे कार्यकर्ता राष्ट्रसेवा, जनसेवा की शपथ लेते हैं। और उनको समझाया जाता है कि राष्ट्राध्वज [[तिरंगा]] के जैसेही धर्म ध्वज का [[भगवा ध्वज]] सन्मान करे। भारत की स्वतंत्रता के बाद
[[ भगवा ध्वज]]को राष्ट्रीय ध्वज घोषीत करना चाहीए ऐसा संघ तथा हिंदू संघटना का आग्रह था। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुख्य कार्यालय नागपुर में हमेशा भगवा ध्वज लहराता है। स्वातंत्र्य दिन तथा गणतंत्र दिवस पे राष्ट्रध्वज [[ तिरंगा]] को भी मानवंदना दी जाती है।
भगवा ध्वज की रक्षा और सम्मान के लिये लाखों हिंदु जन तैयार हैं।