"अज्ञेयवाद": अवतरणों में अंतर

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[[भारतीय दर्शन]] के संभवतः किसी भी संप्रदाय को अज्ञेयवादी नहीं कहा जा सकता। वस्तुतः भारत में कभी भी संदेहवाद एवं अज्ञेयवाद का व्यवस्थित प्रतिपादन नहीं हुआ। [[न्याय दर्शन|नैयायिक]] सर्वज्ञेयवादी हैं और [[नागार्जुन]] तथा श्रीहर्ष जेसे मुक्तिवादी भी पारिश्रमिक अर्थ में संशयवादी अथवा अज्ञेयवादी नहीं कहे जा सकते।
 
एग्नास्टिसिज्म शब्द का सर्वप्रथम आविष्कार और प्रयोग सन् 1870 में टॉमस हेनरी हक्सले (1825-1895) द्वारा हुआ। अंग्रेजी जीवविज्ञानी थॉमस हेनरी हक्सले ने 1869 में "अज्ञेय" शब्द का उच्चारण किया था। पहले के विचारकों ने हालांकि लिखा था कि 5 वीं शताब्दी ई.पू. में संजय बेलाथथापुत्त जैसे अज्ञानी विचारों को बढ़ावा देने वाले कार्यों को बढ़ावा दिया गया था। भारतीय दार्शनिक जिन्होंने किसी भी जीवित जीवन के बारे में अज्ञेयवाद को व्यक्त किया था; और प्रोटगोरस, एक 5 वीं शताब्दी ईसा पूर्व, ग्रीक दार्शनिक जिन्होंने "देवताओं" के अस्तित्व के बारे में अज्ञेयवाद को व्यक्त किया। [[ऋग्वेद]] में नासिया[[नासदीय सूक्वासूक्तः]] [[ब्रह्मांड]] की उत्पत्ति के बारे में अज्ञेयवादी हैहै।
 
== परिचय ==