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{{स्रोतहीन|date=अप्रैल 2015}}
[[चित्र:Irreligion map.png|thumb|400px|left|दुनिया भर नास्तिकता को स्वीकार करने वालों की गिनती]]
[[चित्र:Karl Marx.jpg|thumb|right|200px|[[कार्ल मार्क्स]] जिन्होंने धर्म के ख़तरों का विशेष उल्लेख किया]]
[[चित्र:Four Horsemen.jpg|thumb|right|'नवनास्तिकता' के चार प्रमुख दार्शनिक (ऊपरी बाएँ से दक्षिणावर्त): [[रिचर्ड डॉकिन्स]], [[क्रिस्टोफ़र हिचेन्स]], [[डैनियल डैनेट]], एवं [[सैम हैरिस]]]]
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==नास्तिकता, धर्म और नैतिकता==
[[चित्र:Irreligion map.png|thumb|400px|leftright|दुनिया भर नास्तिकता को स्वीकार करने वालों की गिनती]]
[[बौद्ध धर्म]] मानवी मूल्यों तथा आधुनिक विज्ञान का समर्थक है और बौद्ध अनुयायी काल्पनिक ईश्वर में विश्वास नहीं करते है। इसलिए [[अल्बर्ट आइंस्टीन]], [[भीमराव अम्बेडकर|डॉ॰ बी. आर. अम्बेडकर]], बर्नाट रसेल जैसे कई विज्ञानवादी एवं प्रतिभाशाली लोग बौद्ध धर्म को विज्ञानवादी धर्म मानते है। चीन देश की आबादी में 91% से भी अधिक लोग बौद्ध धर्म के अनुयायी है, इसलिए दुनिया के सबसे अधिक नास्तिक लोग चीन में है। नास्तिक लोग धर्म से जुडे हुए भी हो सकते है।