"गुरुत्वाकर्षण": अवतरणों में अंतर

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'''गुरुत्वाकर्षण''' (ग्रैविटेशन) एक [[पदार्थ]] द्वारा एक दूसरे की ओर आकृष्ट होने की प्रवृति है। गुरुत्वाकर्षण के बारे में पहली बार कोई गणितीय सूत्र देने की कोशिश [[आइजक न्यूटन]] द्वारा की गयी जो आश्चर्यजनक रूप से सही था। उन्होंने [[न्यूटन का सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण का सिद्धान्त|गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत]] का प्रतिपादन किया। न्यूटन के सिद्धान्त को बाद में [[अलबर्ट आइंस्टाइन]] द्वारा [[सापेक्षता सिद्धांत]] से बदला गया। इससे पूर्व [[वराह मिहिर]] ने कहा था कि किसी प्रकार की शक्ति ही वस्तुओं को पृथिवी पर चिपकाए रखती है।
 
== गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत का इतिहास==
== इतिहास ==
===वैज्ञानिक क्रांति ===
 
गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत पर आधुनिक काम 16 वीं के अंत में और 17 वीं शताब्दी की शुरुआत में गैलीलियो गैलीलि के काम से शुरू हुआ। अपने मशहूर (यद्यपि संभवतः अपोक्य्रीफल [4]) प्रयोगों में पीसा के टॉवर से गेंदों को छोड़ने का प्रयोग किया गया, और बाद में गेंदों के सावधानीपूर्वक माप के साथ इनक्लीइन को घुमाया गया, गैलीलियो ने दिखाया कि गुरुत्वाकर्षण त्वरण सभी वस्तुओं के लिए समान है। यह अरस्तू के विश्वास से एक बड़ा प्रस्थान था कि भारी वस्तुओं में उच्च गुरुत्वाकर्षण त्वरण होता है। [5] गैलीलियो ने हवा के प्रतिरोध को इस कारण के रूप में बताया कि कम द्रव्यमान वाली वस्तुएं वातावरण में धीमी गति से गिर सकती हैं। गैलीलियो के काम ने न्यूटन के गुरुत्व के सिद्धांत के निर्माण के लिए मंच तैयार किया