"धुआँसा": अवतरणों में अंतर

टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
पंक्ति 15:
 
==स्वास्थ्य पर प्रभाव==
 
 
कहतें हैं कि हम जैसा बोते हैं,वैसा ही पाते हैं। ठीक यही बात प्रकृति के सन्दर्भ मे भी सही है। मानव बड़ा ही स्वार्थी हो चला है। इसे सम्पूर्ण मानवता की चिन्ता नही। यह तो स्वयं के
लाभ के लिए लालायित है। यदि यही रवैया रहा तो एक दिन मानव जाति एक दूसरे के लिए ही जानी दुश्मन बन खड़ी होगी।
धुॅआसा इसी का परिणाम है। लंदन की वह घटना अब भी याद की जाती है जिसमे धुॅआसे से लाखो लोग प्रभावित हुए थें। धुॅआसा ,धुॅए और कुॅहासे का मिश्रण होता है जो मनुष्य के शरीर को बुरी तरह से प्रभावित करता है। चारो ओर धुंध सा हो जाता है तथा यह श्ववसन तंत्र को प्रभावित करने लगता है। सांस लेने मे परेशानी होने लगती है तथा नाक से पानी आने लगता है । प्रारम्भ मे ही आंखो मे जलन होने लगती है । धुंआसे की अधिकता होने पर आंखो से पानी भी आने लगते है तथा दम घुटने लगता है। सांस न ले पाने की वजह से सिर मे तेज दर्द के साथ घबराहट होती है और श्ववसन तंत्रिका प्रभावित होने लगती है जिससे मृत्यु हो जाने का भय रहता है।
आज सम्पूर्ण प्रजाति मानव के इस कुकृत्य को भुगत रही है। परन्तु उन्हे क्या पता कि आगे क्या होने वाला है। मानव तो बुद्धिमान प्राणी है और इसी बुद्धिमता के कारण
वह प्रकृति के साथ छेड़छाड़ करने पर तुला हुआ है परन्तु यदि प्रकृति ने जैवमण्डल के साथ छेड़छाड़ की तो सम्पूर्ण जैवजगत संकट मे पड़ जाएगा और तब मानव जाति के पास दूसरा कोई विकल्प न होगा।
सो अब भी समय है अधिक विलासिता से एक साधारण जीवन ही अच्छा है जिसमे मानव स्वच्छ सांस ले सके ।
 
==प्रभावित क्षेत्र==
==प्रदूषण सूचकांक==