"अमरकोश": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
चरण्ट इन वाचस्पत्यम् टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
||
पंक्ति 27:
अमरकोश का वास्तविक नाम अमरसिंह के अनुसार '''नामलिगानुशासन''' है। नाम का अर्थ यहाँ [[संज्ञा]] शब्द है। अमरकोश में संज्ञा और उसके [[लिंग]]भेद का अनुशासन या [[शिक्षा]] है। [[अव्यय]] भी दिए गए हैं, किन्तु [[धातु]] नहीं हैं। धातुओं के कोश भिन्न होते थे ([[काव्यप्रकाश]], [[काव्यानुशासन]] आदि)। [[हलायुध]] ने अपना कोश लिखने का प्रयोजन '''कविकंठविभूषणार्थम्''' बताया है। धनंजय ने अपने कोश के विषय में लिखा है - '''मैं इसे कवियों के लाभ के लिए लिख रहा हूँ''' (कवीनां हितकाम्यया)। अमरसिंह इस विषय पर मौन हैं, किंतु उनका उद्देश्य भी यही रहा होगा।
अमरकोश में साधारण संस्कृत शब्दों के साथ-साथ असाधारण नामों की भरमार है।
== टीकाएँ ==
|