"सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला'": अवतरणों में अंतर

No edit summary
छो सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी की सबसे लम्बी कविता बादल राग को संकलित किया है।
पंक्ति 40:
 
== प्रमुख कृतियाँ ==
'''काव्यसंग्रह''':- 'जूही की कली' कविता की रचना 1916 में की गई। [[अनामिका]] (1923), [[परिमल]] (1930), [[गीतिका]] (1936), [[द्वितीय अनामिका]] (1938)। अनामिका के दूसरे भाग में सरोज सम़ृति और [[राम की शक्तिपूजा]] जैसे प्रसिद्ध कविताओं का संकलन है। [[तुलसीदास]] (1938), [[कुकुरमुत्ता]] (1942), [[अणिमा]] (1943), [[बेला]] (1946), [[नये पत्ते]] (1946), [[अर्चना]](1950), [[आराधना]] 91953), [[गीत कुंज]] (1954), [[सांध्यकाकली]], [[अपरा]], [[बादल राग]]<ref>[https://www.zigya.com/blog/%E0%A4%B8%E0%A5%82%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%82%E0%A4%A4-%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%AA%E0%A4%BE%E0%A4%A0%E0%A5%80-%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%B2/ बादल राग] बादल राग सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी की सबसे लम्बी रचना है, बादल राग कविता अनामिका में छः खंडो में प्रकाशित है।</ref>
 
'''उपन्यास''':- [[अप्सरा]], [[अलका]], [[प्रभावती]] (1946), [[निरुपमा]], [[कुल्ली भाट]], [[बिल्लेसुर बकरिहा]]।