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'''भोपाल''' [[भारत]] देश में [[मध्य प्रदेश]] [[राज्य]] की राजधानी है और भोपाल ज़िले का प्रशासनिक मुख्यालय भी है। भोपाल को झीलों की नगरी भी कहा जाता है क्योंकि यहाँ कई छोटे-बडे ताल हैं। यह शहर अचानक सुर्ख़ियों मे तब आ गया जब [[१९८४]] में अमरीकी कंपनी [[यूनियन कार्बाइड]] से [[मिथाइल आइसोसाइनेट]] गैस के रिसाव से लगभग बीस हजार लोग मारे गये थे। [[भोपाल गैस कांड]] का कुप्रभाव आज तक [[वायु प्रदूषण]], [[भूमि प्रदूषण]], [[जल प्रदूषण]] के अलावा जैविक [[विकलांगता]] एवं अन्य रूपों में आज भी जारी है। इस वजह से भोपाल शहर कई आंदोलनों का केंद्र है।
 
भोपाल में [[भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड]] (भेल) का एक कारखाना है। हाल ही में [[भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र]] ने अपना दूसरा 'मास्टर कंट्रोल फ़ैसिलटी' स्थापित की है। भोपाल मे ही [[भारतीय वन प्रबंधन संस्थान]] भी है जो भारत में वन प्रबंधन का एकमात्र संस्थान है। साथ ही भोपाल उन छह नगरों मे से एक है जिनमे २००३ में [[भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान]] खोलने का फ़ैसला लिया गया था तथा वर्ष २०१५ से यह कार्यशील है । इसके अतिरिक्त यहाँ अनेक विश्वविद्यालय जैसे [[राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय]],[[बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय]],[[अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय]],[[मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय]],[[माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय]],[[भारतीय राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय]]। इसके अतिरिक्त अनेक राष्ट्रीय संस्थान जैसे [[अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS)]],[[भारतीय वन प्रबंधन संस्थान]],[[भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान]] ,[[राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान, भोपाल]] आदि , इंजीनियरिंग महाविद्यालय,[[गाँधी चिकित्सा महाविद्यालय]] तथा अनेक शासकीय एवं पब्लिक स्कूल हैं।
 
== इतिहास ==
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भोपाल प्राचीन नाम भूपाल है भूपाल, भू-पाल भू = भूमि, पाल=दूध। एक दूसरा मत यह है कि इस शहर का नाम एक अन्य राजा भूपाल या (भोजपाल गुर्जर )के नाम पर पड़ा।
[[File:Taj Mahal Bhopal.jpg|thumb|left|[[ताज महल - भोपाल]]]]
भोपाल की स्थापना परमार राजा भोज ने १०००-१०५५ ईस्वी में की थी। उनके राज्य की राजधानी धार थी, जो अब मध्य प्रदेश का एक जिला है। शहर का पूर्व नाम 'भोजपाल' था जो भोज और पाल के संधि से बना था। परमार राजाओं के अस्त के बाद यह शहर कई बार लूट का शिकार बना। परमारों के बाद भोपाल शहर में अफ़गान सिपाही दोस्त मोहम्मद (1708-1740) का शासन रहा। इसिलिए भोपाल को नवाबी शहर माना जाता है,आज भी यहाँ मुगल संस्कृति देखी जा सकती है। मुगल साम्रज्य के विघटन का फ़ायदा उठाते हुए खान ने बेरासिया तहसील हड़प ली। कुछ समय बाद [[गोण्ड]] रानी कमलापती की मदद करने के लिए खान को भोपाल गाँव भेंट किया गया। रानी की मौत के बाद खान ने छोटे से गोण्ड राज्य पर कब्ज़ा जमा लिया।
समय गुज़रने के साथ यह शहर उजड़ गया। १८वीं सदी में यह स्थानीय [[गोण्ड]] राज्य का एक छोटा-सा गाँव मात्र था। वर्तमान भोपाल शहर की स्थापना [[मुगल सल्तनत]] के एक [[अफ़्गानी]] दोस्त मुहम्मद खान ने की थी। इसिलिए भोपाल को नवाबी शहर माना जाता है,आज भी यहाँ मुगल संस्कृति देखी जा सकती है।
मुगल साम्रज्य के विघटन का फ़ायदा उठाते हुए खान ने बेरासिया तहसील हड़प ली। कुछ समय बाद [[गोण्ड]] रानी कमलापती की मदद करने के लिए खान को भोपाल गाँव भेंट किया गया। रानी की मौत के बाद खान ने छोटे से गोण्ड राज्य पर कब्ज़ा जमा लिया।
 
१७२०-१७२६ के दौरान दोस्त मुहम्मद खान ने भोपाल गाँव की किलाबन्दी कर इसे एक शहर में तब्दील किया। साथ ही उन्होंने [[नवाब]] की पदवी अपना ली और इस तरह से भोपाल राज्य की स्थापना हुई। मुगल दरबार के सिद्दीकी बन्धुओं से दोस्ती के नाते खान ने [[हैदराबाद के निज़ाम]] मीर क़मर-उद-दीन (निज़ाम-उल-मुल्क) से दुश्मनी मोल ले ली। सिद्दीकी बन्धुओं से निपटने के बाद १७२३ में निज़ाम ने भोपाल पर हमला बोल दिया और दोस्त मुहम्मद खान को निज़ाम का आधिपत्य स्वीकार करना पड़ा।
"https://hi.wikipedia.org/wiki/भोपाल" से प्राप्त