"कोणार्क": अवतरणों में अंतर

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देउल का शिखर नष्ट हो गया है और जंघा भी भग्नावस्था में है, पर जगमोहन सुरक्षित है और बाहर से 100 फुट लंबा चौड़ा और इतना ही ऊँचा है। भग्नावशेष से अनुमान है कि देउल का शिखर 200 फुट से भी अधिक ऊँचा और उत्तर भारत का सबसे उत्तुंग शिखर रहा होगा। देउल और जगमोहन दोनों ही पंचरथ और पंचांग है पर प्रत्येक रथ के अनेक उपांग है और तलच्छंद की रेखाएँ शिखर तक चलती है। गर्भगृह (25 फुट वर्ग) के तीनों भद्रों में गहरे देवकोष्ठ बने हैं जिनमें सूर्यदेव की अलौकिक आभामय पुरूषाकृति मूर्तियाँ विराजमान हैं।
 
जगमोहन का अलंकृत अवशाखा द्वार ही भीतर का प्रवेशद्वार है। जगमोहन भीतर से सादा पर बाहर से अलंकरणों से सुसज्जित है। इसका शिखर स्तूपकोणाकार (पीढ़ा देउल) है और तीन तलों में विभक्त है। निचले दोनों तलों में छह छह पीढ़ हैं जिनमें चतुरंग सेना, शोभायात्रा, रत्यगान, पूजापाठ, आखेट इत्यादि के विचित्र दृश्य उत्कीर्ण हैं। उपरले में पाँच सादे पीढ़े हैं। तलों के अंतराल आदमकद स्त्रीमूर्तियों से सुशोभित हैं। ये ललित भंगिमों में खड़ी बाँसुरी, शहनाई, ढोल, मृढंग, झाँझ और मजीरा बजा रही हैं। उपरले तल के ऊपर विशाल घंटा और चोटी पर आमलक रखा है। स्त्रीमूर्तियों के कारण इस शिखर में अद्भुत सौंदर्य के साथ प्राण का भी संचार हुआ है जो इस जगमोहन की विशेषता है। वास्तुतत्वज्ञों की राय में इससे सुघड़ और उपयुक्त शिखर कल्पनातीत है। (कृ. दे.दे। )
 
इस मंदिर का निर्माण गंग वंश के प्रतापी नरेश नरर्सिह देव (प्रथम) (1238-64 ई.) ने अपने एक विजय के स्मारक स्वरूप कराया था। इसके निर्माण में 1200 स्थपति 12 वर्ष तक निरंतर लगे रहे। अबुल फजल ने अपने आइने-अकबरी में लिखा है कि इस मंदिर में उड़ीसा राज्य के बारह वर्ष की समुची आय लगी थी। उनका यह भी कहना है कि यह मंदिर नवीं शती ई. में बना था, उस समय उसे केसरी वंश के किसी नरेश ने निर्माण कराया था। बाद में नरसिंह देव ने उसको नवीन रूप दिया। इस मंदिर के आस पास बहुत दूर तक किसी पर्वत के चिन्ह नहीं हैं, ऐसी अवस्था में इस विशालकाय मंदिर के निर्माण के लिये पत्थर कहाँ से और कैसे लाए गए यह एक अनुत्तरित जिज्ञासा है।
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मंदिर परिसर के दक्षिण-पूर्वी कोने में सूर्य देव की पत्नी माया देवी को समर्पित एक मंदिर है। यहां नव ग्रहों वाला अर्थात् : सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, जूपिटर, शुक्र, शनि, राहू और केतू को समर्पित मंदिर भी है।
 
आप मंदिर के समीपवर्ती समुद्र-तट पर आराम भी फरमा सकते हैं।
 
== बाहरी कड़ियाँ ==