"कंचनजंघा": अवतरणों में अंतर
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'''कंचनजंघा''' नाम की उत्पत्ति तिब्बती मूल के चार शब्दों से हुयी है, जिन्हें आमतौर पर कांग-छेन-दजों-ङ्गा या यांग-छेन-दजो-ङ्गा लिखा जाता है। [[सिक्किम]] में इसका अर्थ '''विशाल हिम की पाँच निधियाँ ''' लगाया जाता है। [[नेपाल]] में यह कुंभकरन लंगूर कहलाता है।
== भौगोलिक स्थिति ==
यह विश्व तीसरा सबसे ऊंचा पहाड़ है। इसकी ऊंचाई 8,586 मीटर है। यह [[दार्जिलिंग]] से 74
== पौराणिक कथाओं में ==
पौराणिक कथाओं और स्थानीय निवासियों के धार्मिक अनुष्ठानों में इस पर्वत का महत्वपूर्ण स्थान है। इसकी ढलान किसी प्राथमिक सर्वेक्षण से सदियों पहले चरवाहों और व्यापारियों के लिए जानी-पहचानी थी।
== इतिहास ==
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