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'''झालावाड''' [[राजस्थान]] राज्य के दक्षिण-पूर्व में स्थित [[झालावाड़ जिला]] का मुख्यालय है। यह झालावाड के [[हाडौती]] क्षेत्र का हिस्सा है। झालावाड के अलावा [[कोटा]], [[बारां]] एवं [[बूंदी]] हाडौती क्षेत्र में आते हैं।
 
राजस्थान के झालावाड़ ने पर्यटन के लिहाज से अपनी एक अलग पहचान बनाई है। राजस्थान की कला और संस्कृति को संजोए यह शहर अपने खूबसूरत सरोवरों, किला और मंदिरों के लिए जाना जाता है। झालावाड़ की नदियां और सरोवर इस क्षेत्र की दृश्यावली को भव्यता प्रदान करते हैं। यहां अनेक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल भी हैं, जो पर्यटकों को अपनी ओर खींचने में कामयाब होते हैं।
 
झालावाड़ [[मालवा का पठार|मालवा के पठार]] के एक छोर पर बसा जनपद है। इस जनपद के अंदर झालावाड़ और [[झालरापाटन]] नामक दो पर्यटन स्थल है। इन दोनों शहरों की स्थापना 18वीं शताब्दी के अन्त में [[झाला राजपूत|झाला राजपूतों]] द्वारा की गई थी। इसलिए इन्हें 'जुड़वा शहर' भी कहा जाता है। इन दोनों शहरों के बीच 7 किमी की दूरी है। यह दोनों शहर झाला वंश के राजाओं की समृद्ध रियासत का हिस्सा था।
 
== झालावाड़ रजवाड़ा ==
{| class="toccolours" border="1" cellpadding="2" cellspacing="2" style="float: right; margin: 0 0 1em 1em; width: 250px; border-collapse: collapse; font-size: 95%;"
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| colspan="2" style="margin-left: inherit; background:#FFC0CB; text-align:center; font-size: medium;" |रजवाड़ा: '''झालावाड़'''
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=== कृष्ण सागर ===
शहर से करीब 6 किलोमीटर दूर कृष्ण सागर नामक विशाल सरोवर है। यह सरोवर एकांतप्रिय लोगों को बहुत पसंद आता है। सरोवर के किनारे पर लकड़ियों से निर्मित एक इमारत है। इस इमारत को रैन बसेरा कहा जाता है। यह इमारत महाराजा राजेन्द्र सिंह ने ग्रीष्मकालीन आवास के लिए बनवाई थी। पक्षियों में रूचि रखने वालों को यह स्थान बहुत भाता है। वर्तमान मेमें यह जल गया है
 
=== गागरन किला ===
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=== गोमती सागर ===
झालरापाटन का यह विशाल सरोवर गोमती सागर के नाम से जाना जाता है। इसके तट पर बना द्वारिकाधीश मंदिर एक प्रमुख दर्शनीय स्थान है। झाला राजपूतों के कुल देवता द्वारिकाधीश को समर्पित यह मंदिर राजा जालिम सिंह द्वारा बनवाया गया था। शहर के पूर्व में चन्द्रभागा नदी है। जहां चन्द्रावती नगरी थी। उस काल के कुछ मंदिर आज भी यहां स्थित हैं, जिनका निर्माण आठवीं शताब्दी में मालवा नरेश ने करवाया था। इनमें शिव मंदिर प्रमुख हैं। यह मंदिर नदी के घाट पर स्थित है।
 
=== नौलखा किला ===
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== आवागमन ==
झालावाड [[राष्ट्रीय राजमार्ग १२]] (जयपुर-जबलपुर) पर स्थित है। निकटतम बडाबड़ा शहर [[कोटा]] है जो ८५ किलोमीटर दूर है। jhalawar has a newly conducted railway sattion jhalawar city.झालावाड़ का निकटतम एयरपोर्ट [[कोटा विमानक्षेत्र]] है। यह शहर से 87 किलोमीटर दूर स्थित है। नजदीकी रेलवे स्टेशन भी कोटा ही है। कोटा से झालावाड़ जाने के लिए बस या टैक्सी की सेवा ली जा सकती है। इसके अलावा जयपुर, बूंदी, अजमेर, कोटा, दिल्ली, इंदौर आदि शहरों से बस सेवाएं उपलब्ध हैं।
 
== सन्दर्भ ==
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💐💐 कामखेड़ा बालाजी मंदिर💐💐💐
 
आज में ऐसे स्थानके बारे में बात करूंगा जो कुछ सालों में अपनी एक नई पहचान बना चुका है,यह स्थान झालावाड़ जिले के मनोहरथाना तह. के कामखेडा गांव में हनुमान जी का मंदिर है जो बहुत साल पुराना हैं परंतु कुछ सालों पहले ही इस मंदिर का चमत्कार देखने को मिला है ,अब इस मंदिर में लाखों लोग मनोकामना लेकर आते है और उनकी मनोकामना पूरी होती हैं, हालाकि इस मंदिर के बारे में कुछ क्षेत्र ही हैं जो जानते है,यहाँ सबसे ज्यादा म.प.के लोग आते है ,यहां हर मंगल और शानिवार को मेला लगता है लेकिन साल में न्यू ईयर पर सबसे ज्यादा पब्लिक आती है तथा सावन और माह के महीने में लोगो का जमाबड़ा लगा रहता हैंहैं।
इस पावन मंदिर के सामने नया भव्य मंदिर बन रहा जो लगभग 2009 से बन रहा है यह मंदिर 2019 तक बन जायेगा ।जायेगा। इस मंदिर का नाम 💐श्री राम जानकी मंदिर 💐 हैं। इस मंदिर की लागत लगभग 50 करोड़ होगी जिसका पूरा खर्च दान पात्र से होगा इसमे सिर्फ़ जनता का योगदान होगा न की किसी नेता काका।
यहा की देख रेख के लिए एक ''सार्वजनिक ट्रस्ट संस्थान'' खोल रखा हैं जो यहायहाँ का कार्य भार देखता हैं,इस ट्रस्ट में कई कर्मचारी काम करते हैं ।हैं।
यहा एक विशाल धर्मशाला और भोजनालय की व्यवस्ता हैं जो ट्रस्ट की और से संचालित हैं।
इस पावन स्थान पर कई सुन्दर दुकाने भी हे जो मन को लुभाती हैं।
 
यह थोड़ी सी जानकारी थी जो मेरे पास थी मुझे आसा हे की इसे बहु लोग पड़ेगे और इस स्थान पर आने को उत्साहित होंगे।
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* [http://www.investrajasthan.com/kommon/bin/sr.php?kall=wmaps&code=160200 Jhalawar District Map (Invest Rajasthan)]
* [http://www.4dw.net/royalark/India/jhalawar.htm Genealogy of the chiefs of Jhalawar]
 
* {{1911}}