"नेपाल का संविधान": अवतरणों में अंतर

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{{Politics of Nepal}}
[[नेपाल]] में '[[नेपाल का संविधान-2015]]' लागू है। नेपाल में बरसों के राजनैतिक उथल-पुथल और हिंसक संघर्षो के बाद २० सितंबर २०१५ को नया संविधान लागू हो गया। इसने [[नेपाल का अंतरिम संविधान-2007]] की जगह ली है। अनिवार्य अवधि में एक संविधान का निर्माण करने में पहली संविधान सभा की विफलता के बाद दूसरी संविधान सभा के द्वारा यह संविधान तैयार किया गया था।<ref name="Time"> Time Magazine {{cite web | url=http://time.com/4037788/nepal-constitution-sushil-koirala-protests-madhesi-tharu/ | title=Nepal Has Finally Passed a New Constitution After Years of Political Turmoil| accessdate= September 2015}}</ref>
 
 
नेपाल के नए [[संविधान]] के अनुसार,
* राष्ट्रपति देश के राष्ट्राध्यक्ष होंगे, जबकि कार्यकारी शक्तियां प्रधानमंत्री के पास होंगी।
* केंद्र में संघीय सरकार होगी जबकि प्रांतों में प्रांतीय सरकार होगी। जिला और ग्राम स्तर पर भी शासन व्यवस्था होगी।
 
* केंद्र में संघीय सरकार होगी जबकि प्रांतों में प्रांतीय सरकार होगी। जिला और ग्राम स्तर पर भी शासन व्यवस्था होगी।
 
* दो सदनों वाली संसद, एकसदनीय विधानसभा और संघीय, प्रांतीय और जिला स्तरीय न्यायपालिका होगी।
* [[नेपाली]] राष्ट्र की भाषा बनी रहेगी। सभी भाषाओं समेत जातीय भाषाओं को भी मान्यता दी गई है।
 
* [[नेपाली]] राष्ट्र की भाषा बनी रहेगी। सभी भाषाओं समेत जातीय भाषाओं को भी मान्यता दी गई है।
 
* नेपाली हिंदुओं की पूजनीय [[गाय]] राष्ट्रीय पशु और रोडेन्ड्रॉन ([[बुरांश]]) राष्ट्रीय [[फूल]] है।
* आरक्षण और कोटा व्यवस्था के जरिए वंचित, क्षेत्रीय और जातीय समुदायों के सशक्तीकरण की व्यवस्था की गई है। मूल निवासियों, दलितों, अछूतों और महिलाओं के लिए स्थानीय प्रशासन, प्रांतीय और संघीय सरकार से लेकर हर स्तर पर आरक्षण का प्रावधान किया गया है।
 
* संविधान में तीसरे लिंग ( थर्ड जेंडर) को भी मान्यता दी गई है।
* आरक्षण और कोटा व्यवस्था के जरिए वंचित, क्षेत्रीय और जातीय समुदायों के सशक्तीकरण की व्यवस्था की गई है। मूल निवासियों, दलितों, अछूतों और महिलाओं के लिए स्थानीय प्रशासन, प्रांतीय और संघीय सरकार से लेकर हर स्तर पर आरक्षण का प्रावधान किया गया है।
* संविधान ने नेपाल को धर्मनिरपेक्ष राज्य घोषित किया है। किन्तु प्राचीन धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं का संरक्षण किया जाएगा। धर्मान्तरण पर रोक नहीनहीं है।
 
* संविधान में तीसरे लिंग ( थर्ड जेंडर) को भी मान्यता दी गई है।
 
* संविधान ने नेपाल को धर्मनिरपेक्ष राज्य घोषित किया है। किन्तु प्राचीन धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं का संरक्षण किया जाएगा। धर्मान्तरण पर रोक नही है।
 
==सन्दर्भ==
<references/>
{{एशिया कि राजनीति}}
 
[[श्रेणी:संविधान]]
[[श्रेणी:नेपाल की राजनीति]]