"पंजाबी भाषा": अवतरणों में अंतर

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'''पंजाबी''' ([[गुरमुखी लिपि|गुरमुखी]]: '''ਪੰਜਾਬੀ''' ; [[शाहमुखी लिपि|शाहमुखी]]: '''پنجابی''') एक [[हिंद-आर्यन]] भाषा है और ऐतिहासिक [[पंजाब क्षेत्र]] (अब [[भारत]] और [[पाकिस्तान]] के बीच विभाजित) के निवासियों तथा प्रवासियों द्वारा बोली जाती है। इसके बोलने वालों मेमें [[सिख धर्म|सिख]], [[इस्लाम धर्म|मुसलमान]] और [[हिंदू]] सभी शामिल हैं। पाकिस्तान की १९९८ की जनगणना और २००१ की भारत की जनगणना के अनुसार, भारत और पाकिस्तान मेमें भाषा के कुल वक्ताओं की संख्या लगभग ९-१३ करोड़ है, जिसके अनुसार यह विश्व की ११वीं सबसे व्यापक भाषा है। कम से कम पिछले ३०० वर्षों से लिखित पंजाबी भाषा का मानक रूप, माझी बोली पर आधारित है, जो ऐतिहासिक [[माझा क्षेत्र]] की भाषा है।
 
== परिचय ==
पंजाबी भाषा पंजाब की आधुनिक भारतीय आर्यभाषा है। ग्रियर्सन ने (लिंग्विस्टिक सर्वे भाग 1,8 तथा 9 में) पूर्वी पंजाबी को "पंजाबी" और पश्चिमी पंजाबी को "लहँब्रा" कहा है। वास्तव में पूर्वी पंजाबी और पश्चिमी पंजाबी पंजाबी की दो उपभाषाएँ हैहैं जैसे पूर्वी हिंदी और पश्चिमी हिंदी हिंदी की।{{cn}} यह अलग बात है कि पाकिस्तान बन जाने के कारण दोनों भाषाओं का विकास इतनी भिन्न दिशाओं में हो रहा है कि इनके अलग अलग भाषाएँ हो जाने की संभावना है। पंजाबी की एक तीसरी उपभाषा "[[डोगरी]]" है जो [[जम्मू-कश्मीर]] के दक्षिण-पूर्वी प्रदेश और [[काँगड़ा]] के आसपास बोली जाती है।{{cn}} साहित्य में मध्यकाल में [[लहँदी]] का मुलतानी रूप और आधुनिक काल में [[अमृतसर]] और उसके आसपास प्रचलित पूर्वी पंजाबी का माझी रूप व्यवहृत होता रहा है। अमृतसर [[सिख|सिक्खों]] का प्रधान धार्मिक तीर्थ और केंद्र है। ईसाई मिशनरियों ने लुधियाना-पटियाला की [[मलबई बोली]] को टंकसाली बनाने का प्रयत्न किया। उसका परिणाम इतना तो हुआ है कि मलवई का प्रभाव सर्वत्र व्याप्त है, किंतु आदर्श साहित्यिक भाषा के रूप में माझी ही सर्वमान्य रही है। पश्चिमी पंजाब की बोलियों में मुलतानी, डेरावाली, अवाणकारी और पोठोहारी, एव पूर्वी पंजाबी की बोलियों में पहाड़ी, माझी, दूआबी, पुआधी, मलवई और राठी प्रसिद्ध हैं। पश्चिमी पंजाबी और पूर्वी पंजाबी की सीमारेखा रावी नदी मानी गई है।
 
"पंजाबी" नाम बहुत पुराना नहीं है। "पंजाब" असल में दो [[फ़ारसी]] शब्द "पंज" और "आब" का मेल है। "पंज" का मतलब "पांच" है और "आब" का मतलब "पानी" है। इस प्रदेश का प्राचीन नाम 'सप्तसिंधु' है। भाषा के लिए "पंजाबी" शब्द 1670 ई. में [[हाफिज़ बरखुदार]] (कवि) ने पहली बार प्रयुक्त किया; किंतु इसका साधारण नाम बाद में भी "[[हिंदी]]" या "[[हिंदवी]]" रहा है, यहाँ तक कि [[रणजीतसिंह]] का दरबारी कवि [[हाशिम]] महाराज के सामने अपनी भाषा (पंजाबी) को हिंदी कहता है।{{cn}} वस्तुत: 19वीं सदी के अंत तक हिंदू और सिक्खों की भाषा का झुकाव [[ब्रजभाषा]] की ओर रहा है। यह अवश्य है कि [[मुसलमान]] जो इस देश की किसी भी भाषा से परिचित नहीं थे, लोकभाषा और विशेषत: लहँदी का प्रयोग करते रहे हैं। मुसलमान कवियों की भाषा सदा अरबी-फारसी लहँदी-मिश्रित पंजाबी रही है।
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पंजाबी [[पाकिस्तान]] में सब से बड़ी भाषा है। यह ४५ फ़ीसद पकिस्तानीओं की मातृभाषा जब कि ७० फ़ीसद पाकिस्तानी इस को बोलना जानते है।हैं। पंजाबी की कई उपभाषाएँ हैहैं परन्तु एक-दूसरे से करीबी होने के कारण सब को आसानी से समझा जा सकता है। पंजाब के साथ यह पूरे [[आज़ाद कश्मीर]] में बोली और समझी जाती है। इस से इलावा [[भारत]] की सिर्फ़ 3 फ़ीसद आबादी पंजाबी बोलती है, परन्तु पंजाबी को भारत के सूबा [[पंजाब, भारत|पंजाब]] में सरकारी बोली और [[दिल्ली]] और [[हरियाणा]] में दूसरी बोली का दर्जा है।
 
पंजाबी, [[अंग्रेज़]] के आने से पहले और [[भारत]] और मिल मारने से पहले{{clarify}}, [[दिल्ली]] से ले कर पिशावर तक फैले हुए पंजाब के छोटे छोटे फ़र्कों साथ बोली जाने वाली बोली थी। १९०१ई. में अंग्रेज़ों ने उस समय पर के पंजाब के ऊपर वाले लेते तरफ़ को काट कर सूबा सरहद बना दिया और फिर १९४७ई. में रहता पंजाब भी 2 टुकड़ों: चढ़ते पंजाब और उतरते पंजाब में बँटा गया। १९६०ई. में इस चढ़ते या भारती पंजाब के भी 3 टुकड़े करके हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और पंजाब में बाँट दिया गया। अअऐनज पंजाबी भी भाग गई{{clarify}} और राजनैतिक फ़ायदे के लिए इस को हिमाचल प्रदेश में हिंदी का एक लहजा बताया गया जब कि हिमाचल प्रदेश में बोली जाने वाली बोली पंजाबी का अंगीठी लहजा है।
 
इस समय पर पंजाबी पाकिस्तान के सूबा पंजाब में लहजो के मामूली फ़र्क साथ और सूबा सरहद में कोहाट, बनेगा और पिशावर के आल आसपास (हिंदको के नाम साथ) डेरा इस्माइल ख़ान में (डेरी के नाम साथ) और एबटाबाद, हरी परन्तु और हज़ारा डिविज़न के दूसरे स्थानों में (हिंदको के नाम साथ), आज़ाद कश्मीर दे स्थानों में (पहाड़ी और गुजरी के नाम साथ) और सिंध दे पंजाब साथ लगते इलाका में और भारत में पंजाब, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा के काफ़ी इलाकों में दिल्ली और राजस्थान के पंजाब साथ लगते ज़िलें और कब्ज़ा किया हुआ जमों और कश्मीर में जमों के ज़िलें में बोली जाती है। इस के इलावा अमरीका, कैनेडा, आस्ट्रेलिया और बरतानिया में अकलियती ज़बान के तौर और बोली जाती है।
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* [http://www.apnaorg.com/articles/rahman2.html The Punjabi Movement]
 
{{साँचा:विश्व की प्रमुख भाषाएं}}
 
[[श्रेणी:हिन्द-आर्य भाषाएँ]]