"पदार्थ": अवतरणों में अंतर

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[[रसायन विज्ञान]] और [[भौतिक विज्ञान]] में '''पदार्थ''' (matter) उसे कहते हैं जो स्थान घेरता है व जिसमे [[द्रव्यमान]] (mass) होता है। पदार्थ और [[ऊर्जा]] दो अलग-अलग वस्तुएं हैं। [[विज्ञान]] के आरम्भिक विकास के दिनों में ऐसा माना जाता था कि पदार्थ न तो उत्पन्न किया जा सकता है, न नष्ट ही किया जा सकता है, अर्थात् पदार्थ अविनाशी है। इसे [[पदार्थ की अविनाशिता का नियम]] कहा जाता था। किन्तु अब यह स्थापित हो गया है कि पदार्थ और [[ऊर्जा]] का परस्पर परिवर्तन सम्भव है। यह परिवर्तन [[आइन्स्टीन]] के प्रसिद्ध समीकरण '''E=m*c<sup>2</sup>''' के अनुसार होता है।
 
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== परिभाषा ==
पदार्थ की आम परिभाषा है कीकि 'कुछ भी' जिसका कुछ-न-कुछ वजन (Mass) हो और कुछ-न-कुछ 'जगह घेरती' (Volume) हो उसे पदार्थ कहते है। उद्धरण के तौर पर, एक [[कार]] जिसका वजन होता है और वह जगह भी घेरती है उसे पदार्थ कहेंगे।
 
== पदार्थ के कणों की विशेषताये ==
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* पदार्थ के कणों के बीच जगह होता है।
* पदार्थ के कण निरंतर घूमते रहते है।
* पदार्थ के कण एक दूसरे को आकर्षित करते है।
 
== पदार्थ की अवस्थाएं ==
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पदार्थ तीन अवस्थाओं- [[ठोस]], [[द्रव]] और [[गैस]] में पाये जाते हैं। ताप और दाब की दी गई निश्चित परिस्थितियों में, कोइ पदार्थ किस अवस्था में रहेगा यह पदार्थ के कणों के मध्य के दो विरोधी कारकों [[अंतराआण्विक बल]] और [[उष्मीय ऊर्जा]] के सम्मिलित प्रभाव पर निर्भर करता है।
अंतराआण्विक बलों की प्रवृत्ति अणओं (अथवा परमाणुओं अथवा आयनों) को समीप रखने की होती है, जबकि उष्मीय ऊर्जा की प्रवृत्ति उन कणों को तीव्रगामी बनाकर पृथक रखने की होती
है।<ref name="ReferenceA">रसायनशास्त्र, भाग-१, (कक्षा १२), एनसीईआरटी, नई दिल्ली, पृष्ठ-२ </ref>
 
=== ठोस ===
[[File:Solid state of matter.png|thumb|पदार्थ की ठोस अवस्था]]
ठोस में, कण बारीकी से भरे होते हैं। ठोस के कणों मेमें आकर्षण बल (Force of attaraction) आधिक होने के कारण इनका निश्चित आकार और आयतन होता है। ठोस के कुछ आम उद्हरण - जैस पत्थर, ईट, बॉल, कार, बस आदि।<ref>रसायनशास्त्र, भाग-१, (कक्षा १२), एनसीईआरटी, नई दिल्ली, पृष्ठ-२ <name="ReferenceA"/ref>
 
=== द्रव ===