"गुणात्मक अनुसंधान": अवतरणों में अंतर

गुणात्मक तथा मात्रात्मक अनुसंधान में अंतर
शोधः अर्थ, अवधारणा और परिभाषा, तत्व, महत्व, प्रकार, चरण और शोध डिजाइन
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'''गुणात्मक अनुसंधान''' (Qualitative research) कई अलग शैक्षणिक विषयों में विनियोजित, पारंपरिक रूप से सामाजिक विज्ञान, साथ ही बाज़ार अनुसंधान और अन्य संदर्भों में जांच की एक विधि है।<ref>डेनज़िन, नॉर्मन के. और लिंकन, युवोना एस.(सं.). (2005). ''द सेज हैंडबुक ऑफ़ क्वालिटेटिव रिसर्च'' (तीसरा सं.). थाउसंड ओक्स, सी.ए.: सेज. ISBN 0-7619-2757-3</ref> गुणात्मक शोधकर्ताओं का उद्देश्य मानवीय व्यवहार और ऐसे व्यवहार को शासित करने वाले कारणों को गहराई से समझना है। गुणात्मक विधि निर्णय के न केवल ''क्या'', ''कहां'', ''कब'' की छानबीन करती है, बल्कि ''क्यों'' और ''कैसे'' को खोजती है। इसलिए, बड़े नमूनों की बजाय अक्सर छोटे पर संकेंद्रित नमूनों की ज़रूरत होती है। [https://vkmail93.blogspot.in/2017/11/blog-post_17.html गुणात्मक तथा मात्रात्मक शोध] किसी भी शोध प्रक्रिया के महत्वपूर्ण भाग हैं ।
 
गुणात्मक विधियां केवल विशिष्ट अध्ययन किए गए मामलों पर जानकारी उत्पन्न करती हैं और इसके अतिरिक्त कोई भी सामान्य निष्कर्ष केवल परिकल्पनाएं (सूचनात्मक अनुमान) हैं। इस तरह की परिकल्पनाओं में सटीकता के सत्यापन के लिए मात्रात्मक पद्धतियों का प्रयोग किया जा सकता है। [https://vkmail93.blogspot.in/2017/11/blog-post_19.html शोधः अर्थ, अवधारणा और परिभाषा, तत्व, महत्व, प्रकार, चरण और शोध डिजाइन]
 
== इतिहास ==