"भारतीय उपमहाद्वीप का इस्लामी इतिहास": अवतरणों में अंतर
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{{इस्लाम}}
'''[[इस्लाम]]''' [[भारतीय उपमहाद्वीप]] का एक प्रमुख धर्म हैं। [[भारत]] की कुल जनसंख्या के 14.5%, [[पाकिस्तान]] के 97 %, [[बांग्लादेश]] के 89%, [[नेपाल]] के 6%,[[भूटान]] के 1.1% लोग [[इस्लाम]] धर्म के अनुयायी हैं।{{citation needed}} उपमहाद्वीप को इस्लाम से सबसे पहले अरबी व्यापरियो ने सातवी शताब्दी के मध्य में अवगत कराया। इस्लाम का व्यापक फैलाव सातवी शताब्दी के अंत में मोहम्मद-बिन-कासिम के सिंध पर आक्रमण और बाद के मुस्लिम
इस प्रान्त ने विश्व के कुछ महान इस्लामिक साम्राज्यों के उठान एवं पतन को देखा है। सातवी शतब्दी से लेकर सन १८५७ तक विभिन्न इस्लामिक साम्राज्यों ने भारत, पाकिस्तान एवं दुसरे
== आरम्भिक काल ==
[[चित्र:QASIM.PNG|thumb|left|मोहम्मद-बिन-कासिम के राज्य की सीमाएं
इस्लाम के प्रवेश के पहले बोद्ध एवं हिंदू धर्म उपमहाद्वीप के प्रमुख धर्म थे। मध्य एशिया और आज के पाकिस्तान एवं अफगानिस्तान में बोद्ध धर्म शताब्दियों से फल फूल रहा था। खास कर के सिल्क रुट या [[रेशम मार्ग]] के किनारे इसका व्यापक फैलाव था।
;सिन्ध प्रान्त
छठवी शतबदी के प्रारम्भ में सिंध फारस साम्राज्य के आधीन था। सन ६४३
;बलूचिस्तान प्रान्त
सन ६५४ तक बलूचिस्तान का वह भाग जो की आज के पाकिस्तान में हैं रशिडून साम्राज्य के अन्दर आ गया था। खलीफ अली के समय तक पूरा बलूचिस्तान प्रान्त रशिडून साम्राज्य के आधीन हो चूका था।<ref>Fatuh al buldan pg:386
ऐतिहासिक इस्लामी दस्तावेज फतह-नामा-सिंध के अनुसार सन ७११ में दमस्कुस के उम्म्यद खलीफ ने सिंध एवं बलूचिस्तान के लिए दो असफल अभियान भेजे। इन अभियानों का उद्देश्य देय्बुल (आज के कराची के नजदीक) के निकट समुंदरी लुटेरे जो की अरबी व्यपारी जहाजों को लूट लेते थे उन्हें सबक सिखाना था। यह आरोप लगाया गया की सिंध के राजा आधीर इन लुटेरो को शरण दे रहे थे। तीसरे अभियान का नेतृत्व १७ साल के [[मुहम्मद बिन कासिम]] के हाथों में था उसने सिंध एवं बलूचिस्तान को जीतते हुए उत्तर में मुल्तान तक आपना राज्य स्थापित किया। सन ७१२ में कासिम की सेना ने आज के हैदराबाद सिंध में राजा दाहिर की सेना के ऊपर विजय प्राप्त की।
कुछ ही सालों में कासिम को [[बग़दाद]] वापस भेज दिया गया जिसके बाद इस्लामी साम्राज्य दक्षिण एशिया में सिंध और दक्षिणी पंजाब तक ही सिमित रह गया
अरब
== सन्दर्भ ==
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