"भाषा-परिवार": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
छो 2405:204:8188:B16:0:0:3EA:38B0 (Talk) के संपादनों को हटाकर NehalDaveND के आखिरी... |
ऑटोमेटिक वर्तनी सु, replaced: नहीं. → नहीं। |
||
पंक्ति 2:
आपस में सम्बंधित [[भाषा]]ओं को '''भाषा-परिवार''' कहते हैं। कौन भाषाएँ किस परिवार में आती हैं, इनके लिये वैज्ञानिक आधार हैं।
इस समय संसार की भाषाओं की तीन अवस्थाएँ हैं। विभिन्न देशों की प्राचीन भाषाएँ जिनका अध्ययन और वर्गीकरण पर्याप्त सामग्री के अभाव में नहीं हो सका है, पहली अवस्था में है। इनका अस्तित्व इनमें उपलब्ध प्राचीन [[शिलालेख|शिलालेखो]], सिक्कों और हस्तलिखित पुस्तकों में अभी सुरक्षित है। [[मेसोपोटेमिया]] की पुरानी भाषा ‘सुमेरीय’ तथा [[इटली]] की प्राचीन भाषा ‘एत्रस्कन’ इसी तरह की भाषाएँ हैं। दूसरी अवस्था में ऐसी आधुनिक भाषाएँ हैं, जिनका सम्यक् शोध के अभाव में अध्ययन और विभाजन प्रचुर सामग्री के होते हुए भी नहीं हो सका है। बास्क, बुशमन, जापानी, कोरियाई, अंडमानी आदि भाषाएँ इसी अवस्था में हैं। तीसरी अवस्था की भाषाओं में पर्याप्त सामग्री है और उनका अध्ययन एवं वर्गीकरण हो चुका है। [[ग्रीक]], [[अरबी]], [[फारसी]], [[संस्कृत]], [[अंग्रेजी]] आदि अनेक विकसित एवं समृद्ध भाषाएँ इसके अन्तर्गत हैं।
== वर्गीकरण के आधार ==
पंक्ति 27:
== वर्गीकरण ==
उन्नीसवीं शती में ही विद्वानों का ध्यान संसार की भाषाओं के वर्गीकरण की ओर आकृष्ट हुआ और आज तक समय-समय पर अनेक विद्वानों ने अपने अलग-अलग वर्गीकरण प्रस्तुत किये
== मुख्य भाषा-परिवार ==
पंक्ति 60:
भाषाओं का द्रविड़ी परिवार इस लिहाज़ से बड़ा दिलचस्प है कि हालाँकि ये भाषाएँ भारत के दक्षिणी प्रदेशों में बोली जाती हैं लेकिन उनका उत्तरी क्षेत्र में बोली जाने वाली भाषाओं से कोई संबंध नहीं है (संस्कृत से ऋणशब्द लेने के अलावा)।
इसलिए उर्दू या हिंदी का अंग्रेज़ी या जर्मन भाषा से तो कोई रिश्ता निकल सकता है लेकिन मलयालम भाषा से
दक्षिणी भारत और श्रीलंका में द्रविड़ी समूह की कोई 26 भाषाएँ बोली जाती हैं लेकिन उनमें ज़्यादा मशहूर [[तमिल]], [[तेलुगु]], [[मलयालम]] और [[कन्नड़]] हैं। ये अन्त-अश्लिष्ट-योगात्मक भाषाएँ हैं।
|