"मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भोपाल": अवतरणों में अंतर

छो 14.139.241.85 (Talk) के संपादनों को हटाकर अनुनाद सिंह के आखिरी अवतर...
ऑटोमेटिक वर्तनी सु, replaced: →
पंक्ति 1:
 
----
{{Infobox university
Line 29 ⟶ 28:
|dean =
}}
'''मौलाना आजाद राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान''', [[भोपाल]] की स्थापना १९६० में की गई थी और २६ जून २००२ को इसे [[राष्‍ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान]] का दर्जा दिया गया। इस संस्थान में 8 विभाग हैं। यह संस्थान सिविल इंजीनियरी, अभियांत्रिकी इंजीनियरी, विद्युत इंजीनियरी, इलैक्टोनिकी तथा संचार इंजीनियरी, कम्प्यूटर विज्ञान तथा इंजीनियरी, सूचना प्रौद्योगिकी में चार वर्षीय बी.टेक कार्यक्रम और एक पांच वर्षीय बी.आर्क. पाठयक्रम का संचालन करता है। अवर स्नातक पाठयक्रमों में कुल दाखिला क्षमता ४५० है। यह संस्थान २४ विभिन्न विशेषज्ञताओं में नियमित तथा अंशकालिक पध्दति से एम.टेक पाठयक्रमों के साथ-साथ एमसीए तथा एमबीए पाठयक्रम भी संचालित करता है।
 
[[चित्र:MANIT.jpg|550px|thumb|center|राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान, भोपाल का मुख्य भवन]]
Line 36 ⟶ 35:
इस संस्थान में नौ बालक छात्रावास और एक बालिका छात्रावास है।<ref>{{cite web |url=http://www.manit.ac.in/|title=मौलाना आजाद राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान, भोपाल|accessmonthday=[[४ मई]]|accessyear=[[२००९]]|format=|publisher=संस्थान का आधिकारिक जालस्थल|language=}}</ref>
===== कल्पना चावला भवन =====
यह छात्रावास संस्थान के बी.टेक/बी.आर्क के सम्पूर्ण वर्ष के छात्राओं के लिए है।हैं। इसे '''छात्रावास क्रमांक ७''' के नाम से भी जाना जाता है।
 
=====डॉ ए.पी.जे अब्दुल कलाम भवन=====
इस छात्रावास को छात्रवास क्रमांक १० भी कहते हैं। इसका आरम्भ २०१६ में किया गया था। इस छात्रवास में कुल ४ खण्ड क (A), ख (B) , ग (C) तथा घ (D) हैं। इस नवनिर्मित विशाल छात्रवास के दो खण्डों सी तथा डी में इस समय संस्थान के बी टेक प्रथम वर्ष के लगभग ८०० छात्र रहते हैं। साथ ही अप्रवासी भारतीय (N.R.I) छात्रों के लिए खण्ड-डी के भूतल के कक्ष क्रमांक १०००१ से १०००८ में विशेष दर्जे के साथ जग़ह दी गई है।
 
इस छात्रवास के वर्तमान वार्डेन डॉ पुष्पेन्द्र यादव हैं जो कि इसी संस्थान में प्राध्यापक के पद पर कार्यरत हैं।
Line 72 ⟶ 71:
==विद्यार्थी जीवन==
* स्पिक मैके
* मानित का आई एस टी ई स्टुडेन्ट चैप्टर
* राजभाषा कार्यान्यवन समिति
* क्विजर क्लब